PETA इंडिया ने उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की प्रतिक्रिया में ‘Go Vegan’ बिलबोर्ड लगवाए
उत्तराखंड के जंगलों को पिछले छह महीनों से जलवायु परिवर्तन के चलते भयनाक आग का सामना करना पड़ रहा है। इस आग का प्रमुख कारण बारिश में दर्ज़ की गई भारी कमी और बढ़ता तापमान है। इसी संदर्भ में PETA इंडिया द्वारा देहारादून शहर में बिलबोर्ड लगवाकर लोगों से वीगन जीवनशैली अपनाने और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने का अनुरोध किया गया है।
PETA इंडिया द्वारा यह बिलबोर्ड चकराता रोड, बिंदाल ब्रिज, बिंदाल तिराहा, तिलक नगर, देहरादून, उत्तराखंड 248001 में लगवाया गया है।
कुछ अनुमानों के अनुसार, पशु कृषि (अर्थात व्यवसाय के दृष्टिकोण से जानवरों का पालन-पोषण एवं उनकी हत्या) के कारण पूरे विश्व में होने वाले परिवहन से भी ज़्यादा ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। University of Oxford के शोधकर्ताओं के अनुसार, केवल मांस और डेयरी उत्पादों का त्याग करके अपने कार्बन फूटप्रिंट को 73 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है और यह इस ग्रह पर अपने नकारात्मक प्रभाव को कम करने का सबसे सफ़ल तरीका है।
वीगन जीवनशैली से न केवल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ़ लड़ाई को ज़ोर मिलता है बल्कि इससे कई पशुओं को अंतहीन पीड़ा से भी बचाया जा सकता है। वर्तमान समय में मांस, अंडा एवं डेयरी उद्योग के अंतर्गत जानवरों को बड़े-बड़े गोदामों में घुटन का जीवन जीने के लिए मज़बूर किया जाता है। मुर्गियों के सचेत अवस्था में होते हुए उनके गले काट दिये जाते हैं, गायों को जबरन अपने बछड़ों से अलग किया आता है, सूअरों को पीड़ानाशक दिए बिना उनके शरीर के अंगों को काटा दिया जाता है और मछलियों को जिंदा रहते ही खुलेआम काट दिया जाता है।