PETA इंडिया ने जयपुर में हाथियों की मौत की जांच की मांग की
हाल ही में जयपुर में, पर्यटक सवारी हेतु इस्तेमाल होने वाले चार हाथियों की मौत के बाद, PETA इंडिया ने राजस्थान के मुख्य सचिव ‘श्री राजीवा स्वरूप’ को पत्र भेजकर उन हाथियों की मौत के जांच के आदेश देने का अनुरोध किया है। वर्ष 2018 में सरकारी निकाए ‘भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड’ द्वारा की गयी जांच के दौरान इनमे से 2 हाथी (क्रम संख्या 99 नाम ‘रानी’ तथा क्रम संख्या 64 नाम ‘चंचल’) टीबी संक्रमित पाये गए थे लेकिन उन्हें बाद में ‘राजस्थान वन विभाग’ द्वारा संक्रमण मुक्त घोषित कर दिया था जो कि संदेहास्पद निर्णय था। इससे पहले भी PETA इंडिया ने राजस्थान वन विभाग से अनेकों बार अनुरोध करके सभी हाथियों की TB जांच करने की मांग की है व जांच में रिएक्टिव व बीमार पाये जाने वाले हाथियों को क्वारंटीन करने का अनुरोध भी किया है। PETA इंडिया ने अपने पत्र में ‘वन विभाग’ को यह भी सुझाव दिया है कि इस क्षेत्र में नए हाथियों को लाने पर रोक लगाने वाली नीति लागू करनी चाहिए।
वर्ष 2018 में रक्षा मंत्रालय ने यह निर्णय लिया था कि गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान हाथियों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा क्यूंकि हताश व निराश हाथी कभी भी हिंसक रूप अपना सकते है जो कि जनता की सुरक्षा के नजरिए से खतरनाक है व साथ ही साथ हाथी मालिकों के मालिकाना हक की वैधता के संबंध में भी बहुत सी अनिश्चितताएं हैं। वर्ष 2014 में हाथियों एवं जनता की सुरक्षा के चलते ‘महाराष्ट्र वन विभाग’ ने राज्य के नगर पालिका क्षेत्र में हाथियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
COVID-19 की चुनौतियों से निपटने के लिए जिस तरह से राजस्थान सरकार ने सरहनीय कदम उठाए हैं उसी तरह से जनता को अगली महामारी TB (तपेदिक) से बचाने के लिए भी सरकार को मजबूत कदम उठाने चाहिए। जैसे कि यह माना गया है कि COVID-19 का संक्रमण वन्यजीवों से निकाल कर इन्सानों तक पहुंचा ठीक उसी तरह से TB (तपेदिक) का संक्रमण हाथियों से मनुष्यों में हस्तांतरित हो सकता है।
यह उचित समय है जब राजस्थान सरकार को खतरनाक हाथीसवारी पर रोक लगाने वाली नीति लागू करनी चाहिए।
इन्सानों एवं हाथियों की सुरक्षा हेतु हाथीसवारी पर रोक लगवाने में मदद करें