PETA इंडिया ने अनुरोध किया है कि पालघर में 2 लाख मुर्गियों की बेरहम हत्या के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
कोरोना वायरस की आशंका में, पालघर जिले के डहाणू के एक मुर्गी पालक ने लगभग 2 लाख मुर्गियों को ज़िंदा दफना दिया था और PETA इंडिया ने इस खबर की जानकारी महाराष्ट्र के मुंबई विभाग के पशुपालन आयुक्त सचिन्द्र प्रताप सिंह को दी थी। PETA इंडिया से मिली इस सूचना पर कार्यवाही करते हुए उन्होने क्षेत्रीय सहायक आयुक्त पशुपालन को आदेश जारी कर उन्हें व्यक्तिगत रूप से घटना स्थल का दौरा करने, एक विस्तृत निरीक्षण करने और पशु क्रूरता रोकथाम (PCA ) अधिनियम, 1960 और प्रासंगिक कानूनों के प्रावधानों के तहत तत्काल कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था। इस विषय में की गयी कार्यवाही पर रिपोर्ट पेश करने का आदेश भी दिया है।
पशुपालन आयुक्त के आदेश से पहले 12 मार्च 2020 को विभाग ने निर्देश दिए थे कि, राज्य के मुर्गीपालकों के घरों में जन्मे अवांछित चूजों की हत्याओं हेतु भारत के पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) की सिफारिशों का पालन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी सावधानी बरतनी चाहिए कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 का उल्लंघन न किया जाये। PETA इंडिया ने पहले भी अवांछित चूजों की होनेवाली क्रूर हत्याओं को उजागर किया था क्यूंकि नर चूजे अंडा नहीं दे सकते, इसीलिए उनको जलाकर, पानी में डुबाकर, पीसकर या मछलियों का खाना बनाकर क्रूर तरीकों से मौत के घाट उतारा जाता है।
महाराष्ट्र के पशुपालन और डेयरी विभाग को लिखे अपने पत्र में, PETA इंडिया ने बताया था कि पक्षियों को जिंदा दफन करना पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 3 और 11 का स्पष्ट उल्लंघन है, और भारतीय दंड संहिता की धारा 429, के अनुसार ऐसे क्रूर कर्म करने वाले को पांच साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
विभाग से यह भी अनुरोध किया गया था कि इस हेतु AWBI और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE) द्वारा अनुशंसित OIE तकनीकों का उपयोग ही किया जाना चाहिए जो अवांछित पक्षियों की हत्याओं हेतु एक उपयुक्त विधि है।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार, भारत अंडा उत्पादन के लिए दुनिया में तीसरे स्थान पर है। फ्रांस, स्विटज़रलैंड और जर्मनी – जिसने सेक्स-निर्धारण तकनीक में € 5 मिलियन का निवेश किया है – ने उन सभी जीवित नर चूजों की हत्याओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं, जो आमतौर पर उन देशों में प्रचलित हैं। सेक्स-निर्धारण तकनीक, जिसे विदेशों में विकसित किया गया है और जल्द ही व्यावसायिक रूप से भारत में भी उपलब्ध होगी व इस तकनीक के तहत विकास के प्रारंभिक चरण में ही अवांछित नर चूजों के भ्रूण को नष्ट किया जा सकेगा व जीवित चूजों को इस तरह की क्रूर मौतों से बचाया जा सके।
What You Can Do
The best way to help chickens raised for food is to leave them off your plate.