PETA इंडिया: जंगली जानवरों की चमड़ी और फर के आयात एवं निर्यात पर रोक लगाकर एक नई महामारी को रोकें
PETA) इंडिया ने “वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय” (MoCI) से देश की EXIM नीति में बदलाव कर जंगली जानवरों की चमड़ी एवं फर के आयात और निर्यात एवं इसके निर्माण पर रोक बहाल करने का अनुरोध किया है क्योंकि फर के उत्पादन से COVID-19 के फैलाने एवं इसका स्वरूप बदलने का ख़तरा है। साथ ही विशेषज्ञों की चेतावनी के अनुसार, जंगली जानवरों को उनकी चमड़ी के लिए कैद में रखना एवं मौत के घाट उतारना भविष्य में एक नयी महामारी का कारण बन सकता है। समूह प्रतिनिधियों ने 13 जुलाई को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव जी से मुलाकात की और उनसे MoCI को इन वस्तुओं के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने हेतु सलाह देने का आग्रह किया। भारत में कुछ विशेष जंगली जानवरों की चमड़ी के आयात पर प्रतिबंध था, जिसे पिछले वर्ष ही हटाया गया है।
COVID-19 महामारी के दौरान, फर फार्मों पर कई मींक्स और मनुष्यों के बीच COVID-19 संक्रमण का फैलाव हुआ था जिस कारण यह संकरण और ख़तरनाक भी हुआ था। कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, ग्रीस, इटली, लिथुआनिया, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और अमेरिका जैसे कई देशों के फर फार्मों पर COVID-19 के मामले दर्ज़ किए गए थे जिसके उपरांत यहाँ इसे पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया या चरणबद्ध ढंग से प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाए गए। कई विशेषज्ञों की चेतावनी के अनुसार, फ़ैशन के लिए अजगर और मगरमच्छ जैसी “विदेशी” प्रजातियों के चमड़े से मनुष्यों में खतरनाक संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
दुनिया भर के PETA संस्थाओं ने विदेशी-चमड़ा उद्योग से संबंधित कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। जैसे मगरमच्छों को अंधेरे शेडों में एक-साथ अपने मल-मूत्र एवं गंदे पानी में डुबाकर रखा जाता है और सचेत अवस्था में इनके दिमाग पर चोट करने के लिए उनकी खोपड़ी पर लोहे की रोड से वार किया जाता है। चमड़ा उद्योग में सांपों को हथौड़ों से मारा जाता है, एक छोर से दूसरे छोर तक काटा जाता है, और जीवित अवस्था में ही उनकी चमड़ी को छीला जाता है। फर के लिए मौत के घाट उतारे जाने वाले जानवरों को भी इसी प्रकार के शोषण का सामना करना पड़ता है। इन जानवरों को अपना पूरा जीवन तार से बने पिंजरों में व्यतीत करना पड़ता है और कर्मियों द्वारा इन्हें सबसे सस्ते और क्रूर ढंग से मौत के घाट उतारा जाता है जिसमें गला घोटना, बिजली के झटके देना और ज़हर देना शामिल है।
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