PETA इंडिया छात्रों से अनुरोध करता है की इस वेलेनटाइन डे पर वो मुर्गियों से ब्रेकअप कर लें।
वेलेंटाइन डे पर, PETA इंडिया ने बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई और पुणे में विश्वविद्यालयों के बाहर विज्ञापन लगाकर छात्रों के एक खास सलाह देते हुए कहा है- “इस हॉट चिक से ब्रेक अप कर लें” यहाँ “चिक” का मतलब मुर्गी का मांस से है और यह विज्ञापन छात्रों को वीगन बनने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
प्रत्येक व्यक्ति जो वीगन जीवनशैली अपना लेता है वो एक वर्ष में लगभग 200 जानवरों को मांस, अंडे और डेयरी उद्योगों की यातनाएं सहने व मौत का शिकार होने से बचा लेता है। भोजन के लिए मार दिये जाने वाले जानवरों जैसे मुर्गियों, गायों, सूअरों, बकरियों और अन्य जानवरों को गंदे तरीकों से अत्यधिक संख्या में ट्रकों में भरकर परिवहन किया जाता है जिसके चलते उनकी हड्डियाँ टूट जाती हैं व बहुत से जानवर घुटन एवं सफर की यातनाओं से रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। कत्लखानों में कसाई तेज़ धारदार चाकू से उनके गले रेंत कर उन्हें धीमी व दर्दनाक मौत मरने के लिए छोड़ देते हैं व सचेत अवस्था में होने के बावजूद उनके अंगों को काट दिया जाता है।
वीगन जीवनशैली जीने वाले लोगों को हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर से पीड़ित होने की संभावना कम होती है – ये सभी भारत में सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं – और मांस खाने वालों की तुलना में अधिक फिट व तंदुरुस्त रहते हैं। इसके अलावा, मांस, अंडे और डेयरी उत्पादों के लिए जानवरों का पालनपोषण करना जल प्रदूषण और भूमि क्षरण का एक प्रमुख कारण है, और संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर लोगों को वीगन जीवनशैली अपनाने की जरूरत है।