PETA इंडिया ने केरल वन विभाग के साथ मिलकर एक मोर का जीवन बचाया
एक स्थानीय नागरिक से मिली सूचना पर कार्यवाही करते हुए PETA इंडिया ने केरल वन विभाग के साथ मिलकर एक मोर को बचाया। इस मोर को कोल्लम स्थित “श्री सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर” के परिसर में घायल पाया गया था लेकिन उसके बचाव एवं देखभाल पर अधिक जानकारी न होने के कारण स्थानीय लोगों ने एक इसे एक पिंजरे में रख दिया गया था। हालाँकि अब इस मोर को वन विभाग की देख-रेख में आवश्यक चिकित्सक सुविधाएं दी जा रही हैं।
स्वस्थ्य हो जाने पर, इस मोर को “चुलानूर पीफाउल सेंक्चुरी” में भेज दिया जाएगा। वन विभाग द्वारा मंदिर के पुजारियों को यह भी समझा दिया गया है कि विभाग से आवश्यक अनुमति लिए बिना किसी भी संरक्षित वन्यजीव को क़ैद रखना एक दंडनीय अपराध है और यदि वे भविष्य में किसी वन्यजीव को संकट में पाते हैं तो उन्हें तुरंत विभाग को सूचित करना चाहिए। भारत में मोर, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के भाग III के तहत, एक विशेष संरक्षित प्रजाति है।
PETA इंडिया सभी को जानवरों के प्रति जागरूक रहने की सलाह देता है व किसी भी वन्यजीव को संकट में देखने पर पुलिस और वन विभाग से संपर्क करने का आग्रह करता है।
वन्यजीवों की जगह उनके प्राकृतिक आवास में हैं। उन्हें “पालतू जानवर” बनाकर या किसी अन्य कारण से, कैद में रखना नैतिक रूप से गलत होने के साथ ही साथ दंडनीय अपराध भी है जिस हेतु सात साल तक की कैद और कम से कम 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।