PETA इंडिया द्वारा वर्ष 2019 के बेहतरीन प्रदर्शन
वर्ष 2019 समाप्त हो चुका है और अब समय है की हम वर्ष के दौरान किए गए बेहतरीन कार्यो को आपके साथ सांझा करें। हमने PETA इंडिया के 2019 के “वीगन खाद्य पुरस्कार” विजेताओं की सूची पहले से ही जारी कर बॉलीवुड के प्रख्यात दयालु सितारों को सम्मानित किया है। अब हम यहाँ PETA इंडिया के उन सदस्यों की बात करने जा रहे हैं जिनहोने इस वर्ष PETA के लिए बेहतरीन प्रदर्शन कर समाज को पशुओं से जुड़े मुद्दों पर संवेदनशील बनाने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
आप जैस एक्टिविस्ट लोगों ने विभिन्न गतिविधियों के द्वारा समाज में पशुओं के प्रति व्याप्त क्रूर प्रथाओं को उजागर कर लोगों को पशुओं के प्रति उदार दृष्टिकोण एवं करुणामयी हृदय अपनाने हेतु प्रेरित किया। PETA इंडिया एवं हमारे सदस्यों द्वारा वर्ष 2019 में किए 10 सबसे बेहतरीन प्रदर्शन निमन्वत हैं-
• मकर संक्रांति पर अमृतसर में तीखे लेप चड़े माँजे पर प्रदर्शन
तीखा माँझा जानलेवा है। PETA इंडिया की एक समर्थक ने एक पक्षी के रूप में खून से लथपथ होकर माँझे की डोर में उलझ कर प्रदर्शन करते हुए दर्शकों से अनुरोध किया कि वह पतंगबाजी के दौरान तीखे लेप चड़े माँझे का इस्तेमाल न करें यह मनुष्यों एवं पक्षियों के लिए जानलेवा साबित होता है।
• अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर बेंगलुरु में वन्यजीव संरक्षकों का प्रदर्शन
PETA इंडिया समर्थकों ने अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर शरीर पर पेंट के इस्तेमाल से ज़ेबरा, बाघ एवं जिराफ़ का रूप धारण किया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य मांस, अंडे और डेयरी उद्योगों हेतु किए जाने वाले पशुपालन के कारां वनों की कटाई से वन्य जीवन के नुकसान पर लोगों का ध्यान आकर्षित करना था। प्रदर्शनकर्ताओं ने सभी से आग्रह किया कि जो लोग जंगलों एवं पशुओं की रक्षा करना चाहते हैं वह कृपया करके वीगन जीवनजैली अपनाए।
• विश्व महासागर दिवस पर मुंबई में जिंदा उबलते केकड़ों का प्रदर्शन
विश्व महासागर दिवस के दौरान मुंबई PETA इंडिया के दो सदस्यों ने केकड़ों का रूप धारण कर एक बड़े ड्रम में “जिंदा उबलते केकड़ों” के रूप में प्रदशन कर सबको चौंका दिया। इस प्रदर्शन के द्वारा हमारे सदस्यों ने यह संदेश दिया कि शाकाहारी एवाम जीवनशैली अपनाने से इन केकड़ों की तरह अनेकों अन्य जलीय जंतुओं का जीवन बचाया जा सकता है।
• अब समय आ गया है कि सर्कस में पशुओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगे- सर्कस के खिलाफ दिल्ली मे प्रदर्शन
पशु रक्षकों के एक समूह ने नई दिल्ली में इस बात पर जागरूकता फैलाने के लिए एकजुट होकर प्रदर्शन किया कि अब समय आ गया है कि क्रूर सर्कस पर प्रतिबंध लगाया जाए। एक विशालकाय घड़ी के सामने जंजीरों में जकड़े एक “हाथी” ने मनोरंजन के नाम पर पशुओं के साथ उत्पीड़न एवाम दुरुपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया।
• हाथीसवारी एक क्रूर व्यापार है (हाथीसवारी के खिलाफ जयपुर में प्रदर्शन)
PETA इंडिया के समर्थकों ने हाथी के मुखौटे पहनकर व खुद को जंजीरों में जकड़कर यह दिखाने के लिए कि जयपुर के आमेर के किले पर हाथीसवारी में इस्तेमाल होने वाले हाथियों का जीवन दर्दभरा है। हाथीसवारी के कारण उनका शोषण हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने राहगीरों को हाथियों पर हो रहे अत्याचार को उजागर करने हेतु हवा में लाल रंग का पाउडर भी उड़ाया जो इस बात का संकेतक था कि हाथीसवारी उनकी पीड़ा एवं खून का मुख्य कारण है।
• माँस के लिए पानी की खपत अधिक होती है (विश्व जल सप्ताह पर पुणे में प्रदर्शन)
क्या आप जानते हैं कि 1 किलोग्राम मांस का उत्पादन करने पर जितना पानी खर्च होता है उतने पानी से एक व्यक्ति 75 दिन तक नहा सकता है। इस तथ्य को उजागर करने हेतु विश्व जल सप्ताह के दौरान PETA इंडिया के एक समर्थक ने पुणे में सड़क के किनारे बाथ टब में नहाने के द्रश्य के द्वारा लोगों को पानी की इस खपत के बारे में जागरूकता का संदेश दिया व वीगन जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया।
• जीवों पर जबरन तैराकी परीक्षणों पर नई दिल्ली मे प्रदर्शन
क्रूर और महत्वहीन जबरन तैरने वाले परीक्षणों में इस्तेमाल होने वाले चूहों का क्या हश्र होता है, यह दिखने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर पानी के एक बड़े कंटेनर में एक चूहे का रूप धारण कर हमारे एक स्वयं सेवक ने जबरन तैरने एवं डूबने पर प्रदर्शन किया। जीवों पर अवसाद एवं तनाव की दावा का असर जाँचने के लिए उन्हें पानी मैं टब तक जबरन तैराया जाता है जब तक की उसकी मौत न हो जाए। यह बर्बर प्रयोग व्यापक रूप से विवादास्पद रहे हैं व इस परीक्षण से जाँची गयी दवा इन्सानों के तनाव एवं अवसाद हेतु सही परिणाम नहीं दे सकती। इसलिए PETA इंडिया दवा निर्माता कंपनियों को इस तरह के बर्बर परीक्षण समाप्त करने पर जोर दे रहा है।
• माँस खाना मतलब किसी की हत्या का पाप अपने सर लेना ( (विश्व शाकाहारी दिवस पर चंडीगढ़ में प्रदर्शन)
PETA इंडिया के समर्थकों एवं अन्य संगठनों के दोस्तों के साथ “खून” जैसे रंग में रंगकर हमारे स्वयं सेवकों ने विश्व शाकाहारी दिवस पर प्रदर्शन करते हुए यह संदेश दिया कि जानवरों को उनके मांस व अंडों के लिए अत्याचार भरा जीवन जीना पड़ता है और मांस एवं अंडा उद्योग खूनी एवं बर्बर है इसलिए मांसाहार का त्याग कर लोग अधिक से अधिक वीगन जीवनशैली अपनाएं ।
• जानवरों का भोजन, अपराध होना चाहिए (विश्व शाकाहारी माह के उपलक्ष्य में कोलकाता में प्रदर्शन)
भोजन के लिए दर्दनाक तरीकों से जानवरों को काट देना बेहद संगीन एवं दर्दनाक है। महज़ भोजन हेतु इस तरह की हैवानियत की जरूरत नहीं इसलिए जानवरों का माँस खाना आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आना चाहिए। इस हेतु PETA इंडिया के समर्थकों ने कोलकाता में एक आपराधिक दृश्य का निर्माण करते हुए प्रदर्शन के माध्यम से राहगीरों को संदेश दिया कि वीगन जीवनशैली अपनाना आसान है व हमारे भोजन हेतु किसी भी पशु को जान नहीं गवानी पड़ती।
• कृपया दूसरों के बच्चों के बारे में भी सोचें (बाल दिवस पर पुणे में प्रदर्शन)
यह पृथ्वी हम सबके लिए है वा आने वाले पीढ़ी को भी यह पृथ्वी इसी तरह मिले इसके लिए अभी से पृथ्वी की रक्षा करना अनिवार्य है। “बाल दिवस” के अवसर पर नन्हें मुन्ने बच्चों ने छोटे बछड़ों एवं चूजों (मुर्गी के बच्चे) का रूप धारण कर लोगों को अंडा एवं माँस उद्योग में इन मासूमों पर हो रही बर्बरता एवं इस उद्योग के द्वारा पर्यावरण पर पद रहे दुशपरिणाम से पृथ्वी को बचाने हेतु वीगन जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया।
PETA इंडिया के समर्थक एवं स्वयंसेवक साल भर इस तरह के रचनात्मक प्रदर्शनों को अंजाम देते हैं। यदि आप भी हमारे इस प्रयासों से प्रेरित हैं और 2020 में हमसे जुड़ना चाहते हैं, तो कृपया यहाँ क्लिक करके आप साइन अप कर सकते हैं।
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