PETA युवा ने वर्ष 2019 के दौरान पूरे भारत में दया एवं करुणा बढ़ाने का कार्य किया
PETA युवा के लिए वर्ष 2019 बेहद सार्थक वर्ष साबित हुआ। किशोर एवं युवाओं से बने PETA युवा दल ने साल भर देश के विभिन्न भागों में युवाओं, छात्रों एवं नौजवानों को पशुओं के प्रति दया एवं करुणा पर जागरूक किया। PETA युवा दल द्वारा किए गए सफल प्रयासों की कुछ मुख्य झलकिया यहाँ प्रस्तुत की गयी हैं-
• कैरिंग इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BHU) कॉलेज के छात्रों और इजरायली कला समूह ‘एक्सट्रा क्रंची’ ने “Its cool to care, support animal rights” नामक संदेश लिखी मनमोहक वाल पेंटिंग के द्वारा PETA युवा के लिए अपना समर्थन प्रदर्शित किया।
• PETA युवा दल के सदस्यों, साइकिल ग्रुप ‘पैटर्न राइडर्स’, और खेलकूद संबंधी उत्पादों के बिक्रीकर्ता डिकैथलॉन स्पोर्ट्स इंडिया के सदस्यों ने लोगों को मांस और अन्य पशु-आधारित खाद्य पदार्थ खाने से रोकने हेतु रैली की। PETA इंडिया की मुफ्त वीगन स्टार्टर किट को बढ़ावा देने के लिए 80 से अधिक साइकिल चालकों ने 110 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की और इस दौरान रास्ते में सभी से आग्रह किया कि वे वीगन बनने का संकल्प लें।
• अप्रैल फूल्स डे (मूर्ख दिवस) पर, PETA युवा के एक प्रतिनिधि ने के. जे. सोमैया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च मुंबई के छात्रों को दो व्यंजनों में से वीगन चिकन व्यंजन की पहचान करने को कहा (हालांकि दोनों ही व्यंजन वीगन थे)। छात्र यह जान कर बेहद उत्साहित थे कि उनके द्वारा टेस्ट किया गया वीगन चिकन का स्वाद भी वास्तविक चिकन जैसा ही है।
•विश्व स्वास्थ्य दिवस (7 अप्रैल) के सम्मान में, PETA युवा दल ने भारत में महिलाओं की सबसे बड़ी दौड़ “पिंकथॉन” के साथ भागीदारी की ताकि यह बताया जा सके कि वीगन होने से महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा कैसे हो सकती है। PETA के युवा प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में आए समस्त मेहमानों को मुफ्त वीगन खाद्य पदार्थ वितरित किए जिसमे Nutriva की डेयरी-मुक्त छाछ और गुड डॉट के वीगन मांस के उत्पाद भी भी शामिल थे। इसी कार्यक्रम में PETA युवा दल की विशालकाय “गाजर” ने प्रतिभागियों को कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए “पौधों पर आधारित” भोजन अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया।
•PETA युवा ने अपने “सेव द बॉय चाइल्ड: ट्राई वीगन” अभियान के द्वारा भारत भर में स्कूलों एवं कॉलेजों के छात्रों को नर बछड़ों एवं चूजों की पीड़ा पर जागरूक किया। इस पहल में पोस्टर, लीफलेट और वीडियो के द्वारा छात्रों को दिखाया गया था कि नर बछड़े आगे चलकर दूध नहीं दे सकेगे व नर चूजे आगे चलकर अंडे देने का काम नहीं कर सकेंगे इसलिए मांस एवं अंडा उद्योग में उनको “बेकार” मानकर छोड़ दिया जाता है या फिर मार दिया जाता है। 5,000 से अधिक छात्रों ने यह वीडियो देखने के बाद वीगन बनने का संकल्प लिया। PETA युवा के प्रतिनिधियों ने लोगों में सोफिट का सोया मिल्क, न्यूट्रीवा के बादाम दूध और छाछ तथा RAW प्रेसरी के बादाम दूध को नि:शुल्क वितरित किया जो कि स्वादिष्ट वीगन उत्पाद हैं।
•PETA युवा ने अपने “I, Calf” वर्चुअल रियलिटी अनुभव कार्यक्रम को भी बखूबी अंजाम दिया। I Calf, डेयरी फार्म पर एक नर बछड़े एवं एक गाय का दिन कैसे गुजरता है, इस पर चित्रित फिल्म है जो फिल्मी फुटेज और कंप्यूटर एनीमेशन के उपयोग से निर्मित की गयी है। वर्ष के दौरान PETA युवा के सदस्यों ने इस फिल्म को अनेकों स्थानों जैसे के.जे. सोमैया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज़ एवं रिसर्च के कार्यक्रम में, IIT रुड़की, द किड फेस्ट और वाइल्डरफेस्ट में प्रदर्शित किया गाय जहां इस फिल्म को 3000 से अधिक लोगों ने देखा तथा साथ ही साथ मुफ्त वीगन उत्पादों का आनंद भी लिया।
•जब भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज ने कोलकाता में मॉडल यूनाइटेड नेशन (MUN) कार्यक्रम का आयोजन किया तो PETA युवा के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर जानवरों के साथ सदभाव से रहने के बारे में लोगों को मंच से संबोधित किया।
• PETA युवा के एक प्रतिनिधि ने कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी में आयोजित एक अन्य MUN कार्यक्रम में 1,500 से अधिक छात्रों को “यदि आप मांसाहारी है तो आप पर्यावरण के रक्षक नहीं हो सकते” (You can’t be a Meat-Eating environmentalist) नामक विषय पर संबोधित किया।
• PETA युवा के प्रतिनिधि ने बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई में आयोजित कॉमिक कॉन इंडिया इवेंट्स में भाग लेकर PETA के “बी ए सुपरहीरो फॉर एनिमल्स” नामक कार्यक्रम को लोगों के साथ सांझा किया। इस कार्यक्रम में लोगों का ध्यान पशुओं से संबन्धित मुद्दों पर आकर्षित करने वाले खेल खेले गए व उन्हें इन मुद्दों से संबन्धित पाठ्य सामग्री वितरित की गयी।
• मुंबई के जय हिंद कॉलेज के लगभग 100 छात्रों ने PETA युवा की ओर से मुंबई के मरीन ड्राइव पर आयोजित जलवायु परिवर्तन मार्च भाग लिया। “एक्शन में उद्यमी” नामक थीम से आयोजित इस मौन मार्च का उद्देश्य मांस उद्योग हेतु किया जाने वाला पशुपालन एवं जलवायु परिवर्तन के बीच के संबंध पर जागरूकता बढ़ाना था।
आप भी PETA युवा कार्यक्रम के सदस्य पशुओं के कल्याण से संबन्धित गतिविधियों में भाग लेकर पशुओं की जिंदगी में बदलाव लाने में अपना योगदान दे सकते हैं।