PETA इंडिया की शिकायत के बाद, रायपुर के एक निवासी पर दो घोड़ों को भूखा रखकर मौत के घाट उतारने के खिलाफ़ मामला दर्ज़

Posted on by Erika Goyal

एक दयालु नागरिक द्वारा यह जानकारी प्राप्त होने के बाद कि रायपुर के एक आवास में दो घोड़े गंभीर रूप से कुपोषित हैं, PETA इंडिया ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर घोड़ों के मालिक के खिलाफ़ पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज़ कराई। संबंधित मामले में, टिकरापारा पुलिस स्टेशन द्वारा भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 के तहत एक FIR दर्ज की गई है। वंचना लाबान और समीर वेंस्यानी नामक दो स्थानीय कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप के बाद, दोनों घोड़ों को आपातकालीन चिकित्सकीय देखभाल के लिए एक सरकारी पशु अस्पताल ले भी जाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश अगले ही दिन दोनों ने लंबे समय से हो रही दुर्दशा के कारण अपने प्राण गवां दिए।

 

PETA इंडिया पशुओं पर क्रूरता करने वाले अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल  में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”

PETA इंडिया देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।

पशु शोषणकारियों के खिलाफ़ मज़बूत दंड प्रावधान लाने में हमारी सहायता करें पशु क्रूरता के खिलाफ़ कुछ महत्वपूर्ण उपाय