“विश्व प्रजातिवाद का अंत दिवस” के अवसर पर जानवरों की आवाज बनें और अपना पंजा उठाएँ
प्रजातिवाद : स्वयं की प्रजाति को श्रेष्ठ मानकर अन्य के साथ भेदभाव वाली धारणा ही प्रजातिवाद है जैसे कुछ लोग अपनी जाति, धर्म, या फिर लिंग के प्रति बहुत पक्षपाती होते हैं, इसी तरह से इंसान अपने फ़ायदों के लिए अन्य प्रजातियों को अपने अनुसंधान, भोजन, कपड़े या मनोरंजन के साधन के रूप में इस्तेमाल करता है। वैज्ञानिक प्रमाणों में कोई विवाद नहीं है, हम जानते हैं की जानवर भी दर्द, भूख, प्यास, प्रेम, आनंद और अकेलापन की अनुभूति कर सकते हैं। हम यह भी जानते हैं कि उन्हें भी आज़ाद रहना पसंद है और वो भी हमारी तरह बहुत जीना चाहते हैं। लेकिन इसके बावजूद हम इंसान अपने हितो के सामने अंधे हो जाते हैं और इन जानवरों को अपने फ़ायदों के लिए इस्तेमाल करते हैं। इंसान का यह वर्चस्ववाद विशेषाधिकार पर आधारित है और जैसे जातिव्यवस्था पर रोक लगी उसी तरह यह भी बंद होना चाहिए। इस मुद्दे पर अपना पक्ष लेने के लिए यहाँ एक रचनात्मक तरीका बता रहे हैं।
आप भी PETA इंडिया के #प्रजातिवादकाअंत अभियान को समर्थन देने के लिए जानवर के पंजे का चिन्ह बनाएँ। अपने हाथ की मुट्ठी को बंद करके उसपर काले पेन या मार्कर से ऐसे निशान बनाएँ कि यह हूबहू किसी जानवर के पंजे जैस दिखे।
इसे कैमरे के सामने दिखते हुए इसका फोटो लें व इसे @petaindia और #प्रजातिवादकाअंत #EndSpeciesism जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए इसे अपने फेसबुक, twitter या फिर इंस्टाग्राम एकाउंट पर पोस्ट करें। हमें टैग करके पोस्ट की गयी तसवीरों में से कुछ बेहतरीन पोस्ट को आगे हम अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर भी पोस्ट करेंगे।