राजस्थान सरकार घोड़ों पर इस्तेमाल होने वाली गैरकानूनी काँटेदार लगाम के खिलाफ शिकंजा कसेगी
PETA इंडिया मिली शिकायत जिसमे कहा गया था कि राजस्थान में घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर काँटेदार लगाम का इस्तेमाल हो रहा है, वह प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू ड्राट एंड पैक एनिमल रूल्स, 1965 अधिनियम के नियम 8 के तहत इस तरह की लगाम का इस्तेमाल गैरकानूनी है तथा राजस्थान पशुपालन विभाग के 2014 के आदेश का स्पष्ट उलंघन है। PETA इंडिया की इस शिकायत पर कार्यवाही करते हुए राजस्थान पशु पालन विभाग के निदेशक श्री वीरेंद्र सिंह जी ने सभी विभाग अधिकारियों एवं समस्त जिलों के SPCAs के सदस्य सचिवों को आदेश जारी करते हुए उपरोक्त कानून के नियम को लागू करने के निर्देश दिये हैं।
2014 में दिये गए आदेश में समस्त जिलाधिकारियों को कहा गया था की वह भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड द्वारा एडवाईजरी को समस्त जिले में लागू करते हुए काँटेदार लगाम के इस्तेमाल एवं बिक्री पर रोक लगाएँ।
अपने पत्र में हमने इंगित किया था कि पशुपालन एवं डेयरी उद्योग द्वारा वर्ष 2019 में आयोजित 20वीं पशु जनगणना के अनुसार राजस्थान में घोड़ों और खच्चरों की आबादी लगभग 0.34 लाख है। शादियों और घुड़सवारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए यह काँटेदार लगाम उनके मुंह के एक सेंटीमीटर अंदर तक पहनाई जाती है जिससे उनके होंठ और जीभ इस पर घिसते हैं, इस रगड़न से उन्हें अत्यधिक दर्द होता है, मुंह में घाव बन जाते हैं, मानसिक आघात और आजीवन क्षति होती है।
इससे पूर्व PETA इंडिया द्वारा संपर्क किए जाने के बाद, कई राज्यों जिनमें आसाम, बिहार, दिल्ली, हरियाणा हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश शामिल हैं, ने इस काँटेदार लगाम के खिलाफ कानून का सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी कर इस पर लगे प्रतिबंध को कायम रखने के कार्यवाही की है। PETA इंडिया पुलिस के साथ मिलकर न सिर्फ अवैध रूप से इस्तेमाल की जारी इस लगाम की खोज करने और उन्हें जब्त करने के लिए अभियान चला रहा है, बल्कि काँटेदार लगाम के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानूनों को लाने हेतु भी अभियान चला रहा है ताकि कानून में व्यापात खामियों को सही किया जा सके व इस प्रतिबंध को और भी पूर्णतया लागू किया जा सके।
इस अवैध काँटेदार लगाम के इस्तेमाल से घोड़ों का मुंह छलनी हो जाता है व उन्हे बेहद दर्द एवं तनाव होता है। घोड़े इस तरह के खुशी के मौकों पर प्रताड़णना सहने के लिए नहीं हैं।
हम राजस्थान सरकार के आभारी हैं कि उन्होनें इस लगाम के गैरकानूनी इस्तेमाल के खिलाफ कारवाई के आदेश दिये हैं और इस कार्य में यदि आवश्यकता पड़ी तो PETA इंडिया सरकार को हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं।