आमेर के किले में बंदी हथिनी द्वारा किए गए हमले के बाद रूसी पीड़ित ने इस हथिनी को बचाने के लिए दिल से गुहार लगाई
हाल ही में आमेर के किले में गौरी (“सवारी संख्या 86”) नामक हथिनी के हमले का शिकार हुई कोचेतोवा मारिया नामक रूसी महिला ने राजस्थान की उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन, कला एवं संस्कृति और पुरातत्व एवं संग्रहालय मंत्री दीया कुमारी जी को एक पत्र लिखकर उनसे इस हथिनी को बचाने एवं पुनर्वासित करने के लिए दिल से गुहार लगाई हैं। मारिया ने अपने पत्र में उल्लेखित किया कि उसकी जानकारी के अनुसार, इस हथिनी ने ठीक सोलह महीने पहले भी एक दुकानदार पर हमला किया था।
मारिया लिखती हैं, ”मैं गौरी को और सज़ा नहीं दिलाना चाहती हूँ। इसके बजाय, मेरा मानना है कि उसे जीवन भर हिंसापूर्ण प्रशिक्षण देकर और सवारी देने के लिए मजबूर करके काफी दंडित किया जा चुका है, जिसके कारण वह स्पष्ट रूप से मानसिक दवाब का सामना कर रही है। गौरी के मानसिक स्वास्थ्य के हित में और अन्य मनुष्यों को संभावित घातक हमले से बचाने के लिए, मैं आपसे आग्रह करती हूं कि कृपया गौरी को सवारी देने के लिए मजबूर करना बंद करें और गौरी को एक अभयारण्य में भेजें जहां वह अपनी मानसिक पीड़ा से उबरना शुरू कर सके, बंधनमुक्त रह सके एवं अन्य हथियों के साथ एक शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर सके।”
गौरी नामक बंदी हथिनी द्वारा एक रूसी पर्यटक पर किए गए गंभीर हमले का वीडियो यहाँ उपलब्ध है
PETA इंडिया ने राजस्थान की उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन, कला और संस्कृति, पुरातत्व और संग्रहालय मंत्री दीया कुमारी को पत्र लिखकर गौरी के पुनर्वास का आग्रह किया और मांग की कि सभी हाथी की सवारी को तुरंत पर्यावरण के अनुकूल बैट्री चालित वाहनों से बदल दिया जाए। पूर्व में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के अनुसार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के परियोजना हाथी प्रभाग द्वारा गठित समिति की एक रिपोर्ट में भी हाथी सवारी की जगह इन आधुनिक वाहनों को इस्तेमाल की आवश्यकता पर जोर देते हुए इन्हें तत्काल लागू करने की सिफारिश भी की थी।
मालती और गौरी के बारे में अधिक जानकारी यहाँ उपलब्ध है।
कृपया PETA इंडिया के साथ मिलकर राजस्थान के मुख्यमंत्री से हाथी सवारी को आधुनिक मोटर वाहनों से बदलने का अनुरोध करें।
अभी कार्यवाही करें!