सिद्धार्थ नगर: PETA इंडिया की शिकायत के बाद दो साहियों (Porcupines) को अवैध कैद से बचाया गया और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया

Posted on by Erika Goyal

सोशल मीडिया से प्राप्त कई वीडियो के माध्यम से यह जानकारी मिलने के बाद कि ‘वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (WPA), 1972’ के अंतर्गत संरक्षित प्रजाति के तीन भारतीय साही (Indian Porcupines – हिस्ट्रिक्स इंडिका) को अवैध रूप से एक छोटे से पिंजरे में कैद करके शोषित किया जा रहा है, PETA इंडिया ने उत्तर प्रदेश वन विभाग के सिद्धार्थ नगर वन प्रभाग के साथ मिलकर तत्कालिक रूप से कार्रवाही करते हुए संबंधित अपराधी के खिलाफ़ वन्यजीव अपराध रिपोर्ट (WLOR) दर्ज कराई और इन सभी पीड़ित पशुओं को जब्त किया।

इस मामले में, PETA इंडिया को दयालु नागरिकों द्वारा कई परेशान करने वाले वीडियो प्राप्त हुए थे, जिसमें सिद्धार्थनगर के निवासी मोनू कुमार को कथित तौर पर मनोरंजन और कंटेन्ट क्रीऐशन के लिए इन पशुओं को कैद करके पीड़ित करते हुए देखा जा सकता है। इस फुटेज में एक महिला और उसके दो छोटे-छोटे बच्चों को भी देखा जा सकता है जिन्हें साहियों के कांटेदार पंखों से गंभीर चोट लग सकती थी।

इस मामले में इन साहियों को अवैध कैद में रखने वाले अपराधी मोनू कुमार के खिलाफ़ WPA, 1972 की धारा 2, 9, 39 और 51 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन तीनों पशुओं को सुरक्षित बचा लिया गया और इनकी स्वास्थ्य जांच करी जा रही है। इन पशुओं को सभी प्रकार की चिकित्सीय जांच के बाद, गोरखपुर के चिड़ियाघर में भेज दिया जाएगा। WPA की अनुसूची I के तहत संरक्षित प्रजातियों के खिलाफ किसी भी अपराध के लिए कम से कम तीन साल की जेल की सजा, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है, और कम से कम ₹25,000 के जुर्माने का प्रावधान है।

PETA इंडिया के क्रुएल्टी रिस्पांस कॉर्डिनेटर वीरेंद्र सिंह ने कहा, “हम इन पीड़ित पशुओं की जान बचाने हेतु तत्कालिक रूप से कार्रवाही करने और WLOR दर्ज करने के लिए श्री पुष्प कुमार, IFS, प्रभागीय वनाधिकारी, सिद्धार्थनगर का आभार प्रकट करते हैं जिनकी कार्रवाही से जनता के बीच यह संदेश जाएगा कि पशुओं की खिलाफ़ किसी प्रकार की क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। PETA इंडिया सभी पशु प्रेमियों से हमेशा सतर्क रहने और वन्यजीवों या अन्य पशुओं के प्रति किसी भी क्रूरता को तुरंत पुलिस या वन विभाग में रिपोर्ट करने का आग्रह करता है।“

भारतीय साही का शिकार मांस के लिए किया जाता है और इनकी कलमों का इस्तेमाल पारंपरिक औषधियों, आभूषणों और गुड लक चार्म के रूप में किया जाता है।

पशु क्रूरता के खिलाफ़ रिपोर्ट करना सीखें