PETA इंडिया के ‘सैंटा’ ने लोगों को चमड़े का त्याग करने के लिए प्रेरित किया
क्रिसमस की ख़रीदारी का मौसम ज़ोरों पर है और ऐसे में PETA इंडिया ने बेंगलुरु, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और पुणे में बिलबोर्ड लगवाकर लोगों को अपने क्रिसमस ट्री के नीचे चमड़े से बनी वस्तुओं न लगाकर गायों, भैंसों और अन्य जानवरों के प्रति करुणा और दयालुता दिखाने का अनुरोध किया। ऐसा करके हम सभी सैंटा की अच्छे इंसानों की सूची में शामिल हो सकते है।
PETA इंडिया द्वारा यह बिलबोर्ड यहाँ लगवाए गए हैं :
चमड़े के लिए प्रयोग होने वाली गायों और भैसों को बूचड़खाने ले जाने वाली गाड़ियों में इतने तंग ढंग से भरा जाता है कि अक्सर रास्ते में ही इनकी हड्डियाँ टूट जाती हैं या इन संवेदनशील जानवरों की दम घुटने से मृत्यु हो जाती है। बूचड़खानों में, कर्मचारियों द्वारा अन्य डरे हुए जानवरों के सामने उनमें से बचे हुए जिंदा जानवरों का गला चीरा जाता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पशु कृषि (जिसमें कपड़ों के लिए मारे जा रहे जानवर शामिल है) मानव जाति द्वारा किए जाने वाले ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन के लगभग पांचवें हिस्से के लिए जिम्मेदार है।