The DOGtrine of Peace की लेखिका डॉ मंजरी प्रभु के साथ एक छोटी सी बातचीत

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डॉ मंजिरी प्रभु एक पुरस्कृत अंतरराष्ट्रीय लेखक, फिल्म निर्माता, और पुणे अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव एवं International Festival of Spiritual India की संस्थापक और निदेशक हैं। उनके अनुसार, उनकी आंतरिक शांति की कुंजी कुत्तों के साथ समय बिताना है। डॉ मंजिरी प्रभु की नई किताब, The DOGtrine of Peace उनके संपूर्ण जीवन और कुत्तों के साथ उनके गहन आध्यात्मिक संबंध पर आधारित है एवं यह हर पुस्तक-प्रेमी के लिए एक बेहतरीन पुस्तक है।

कुत्तों को गोद लेने के बारे में लिखने की प्रेरणा आपको कहाँ से मिली, ख़ासतौर पर तब जब आप आमतौर पर मिस्ट्री फिक्शन लिखती हैं?

मैं मिस्ट्री फिक्शन लिखती हूं क्योंकि मेरे अंदर लिखने और खासतौर पर मिस्ट्री जॉनर लिखने का जुनून है। यह मेरा पेशा है। लेकिन कुत्ते मेरी जिंदगी हैं। वे जीवन के प्रति मेरे जुनून का प्रतीक हैं। मेरा कुत्तों के साथ बहुत खास संबंध है और यह संबंध समय, दूरी और यहां तक कि मौत से भी आगे निकल चुका है। कुत्ते मेरे लिए शिक्षक और गुरु की तरह हैं। उन्होंने मुझे जीवन का सच्चा सार, क्षणभंगुर प्रकृति, अमरता का अर्थ, बिना शर्त प्यार देने-लेने की सुंदरता और क्षमा एवं कृतज्ञता की शक्ति सिखाई है।

लोग कुत्तों को बेहद हल्के में लेते हैं और या तो उन्हें अपना दोस्त या सड़क पर शोर मचाने वाला समझते हैं। मैं अक्सर कुत्तों और इंसानों के बीच बंधन और इसके उद्देश्य के बारे में सोचती थी। धीरे-धीरे, मुझे एहसास हुआ कि कुत्तों का इंसानों के जीवन में एक बड़ा उदेश्य है और इंसान और कुत्ते अपने पारस्परिक लाभ हेतु एक साथ जीवन व्यतीत करते हैं। हमारी समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति एक दुसरे से जुड़ी हुई हैं। कुत्तों एवं इंसानों दोनों को आपस में मेल-जोल से लाभ होता है और यह इंसानों में भावनात्मक, बौद्धिक एवं शारीरिक रूप से आने वाली कठिनाइयों का सामना करने का एक जरिया हैं। मैं अपने इन विचारों को दुनिया के साथ साझा करना चाहती थी।

साथ ही, इतने वर्षों में, मैंने कई बार इंसानों की कुत्तों के प्रति घृणा, हिंसा एवं दुर्व्यवहार की कई घटनाओं को देखा है और कुत्तों की भूख, लाचारी, दर्द एवं पीड़ा को देखकर मुझे लगा कि यह सब पूरी तरह से गलत है। कुत्तों को भी उचित सम्मान दिया जाना चाहिए। मैंने महसूस किया कि अधिकांश लोगों में प्रेम और करुणा का प्रमुख भाव नहीं है। इन विचारों के चलते ही मैंने The DOGtrine of Peace  नामक किताब को लिखने का निर्णय लिया। मुझे लगा कि यह कुत्तों को उचित सम्मान, श्रेय और इंसानों के जीवन में उनके महत्व को प्रदर्शित करने का सबसे सही तरीका है। साथ ही, यह लोगों के जीवन में प्रेम और करुणा को वापस लाने और उन्हें “कुत्तों” विशेषकर सामुदायिक कुत्तों के लिए प्यार, सेवा और देखभाल के माध्यम से आध्यात्मिक जागृति का मार्ग दिखाने का सबसे सफल माध्यम था।

क्या किसी विशेष घटना ने सामुदायिक जानवरों के प्रति आप प्रेम को जन्म दिया?

मैंने मेरी पहली डॉग बेटी शीना के मेरे जीवन में प्रवेश के बाद कुत्तों को अलग तरह से देखना शुरू किया। उसने मुझे पूरी तरह से बदल दिया। उसके मेरे जीवन में आने के बाद, ऐसा लगा जैसे मैंने अन्य प्राणियों (और यहाँ तक कि चीजों) को एक अलग नज़रिये से देखना शुरू किया। कुत्तों के कारण मैंने अपने अस्तित्व को सही प्रकार से जाना और मैं दर्द, पीड़ा एवं हानि के अर्थ को अधिक गहराई के साथ समझने लगी जिसके कारण मेरे और मेरे परिवार में सामुदायिक कुत्तों के लिए कुछ करने हेतु एक सहज और तीव्र इच्छा का जन्म हुआ। मैंने कुत्तों को ऐसे समझदार एवं दिव्य प्राणियों के रूप में जाना जिनसे इंसान बहुत कुछ सीख सकते हैं। इस अनुभूति ने ही मेरे जीवन को पूरी तरह से बदलकर रख दिया।

किसी पेट शॉप या ब्रीडर से कुत्ते खरीदने के बजाय सड़क या आश्रय से कुत्ते को गोद लेने का क्या महत्व है?

मैंने हमेशा से “खरीदने के बजाय गोद लेने” के विचार का समर्थन किया है। इसका प्रमुख कारण है क्योंकि ऐसे बहुत से ज़रूरतमंद कुत्ते हैं जिन्हें एक ऐसे घर की आवश्यकता है जहाँ उन्हें प्यार एवं भोजन मिल सके। मुझे लगता है कि मनुष्य के रूप में यह हमारा मानवीय कर्तव्य है कि हम एक साथी के रूप में कुत्तों की देखभाल करें। ये कुत्ते भारतीय जलवायु के अनुकूल हैं और समझदार, मजबूत एवं प्यार करने वाले बेहतरीन दोस्त हैं। दूसरी ओर, मुझे लगता है कि दुकानों में बेचे जाने वाले वंशावली कुत्ते ज्यादातर अमानवीय और पैसा कमाने वाली पेट शॉप के उत्पाद हैं।

साथी कुत्तों और बिल्लियों की नसबंदी एवं टीकाकरण करने का क्या महत्व है?

कुत्ते के काटने की संभावना ज्यादातर मेटिंग सीजन के दौरान होता है जब नवजात पिल्ले आसपास होते हैं। कुत्ते की नसबंदी के बाद, यह संभावना पूरी तरह से समाप्त हो जाती है। इसके बाद कुत्ते शांत और इंसानों के आसपास अधिक मिलनसार एवं सुरक्षित हो जाता हैं। यह मेटिंग सीजन एवं प्रसव के छह महीनों के साइकिल को छोड़कर इंसानों के साथ एक खुशहाल जीवन व्यतीत करने हेतु पूर्ण रूप से सक्षम हैं। विशेषकर बेघर कुत्तों की नसबंदी कराना उनकी देखभाल करने का एक ज़रिया है। यह एक ऐसी सेवा है जिसे आप न केवल जानवरों के लिए बल्कि पूरी मानव जाति के लिए भी करेंगे।

आपकी किताब जानवरों के प्रति क्रूरता के विषय पर भी प्रकाश डालती है। आप इस संदर्भ में लोगों को क्या सलाह देने चाहेगी?

क्रूरता किसी भी रूप में अस्वीकार्य है और इसके खिलाफ तत्काल कदम उठाने चाहिए। आप कम से कम अपराधी से बात करने की कोशिश कर सकते हैं और उसे सही और गलत का पाठ पढ़ा सकते हैं। यदि इससे भी उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आता तो आप इस बातचीत में अपने पड़ोसियों को भी शामिल कर सकते हैं। और अगर इतने पर भी बात नहीं बनती तो आपको स्थानीय अधिकारियों एवं पुलिस को इसकी सूचना देनी होगी।

क्या आप आने कुछ अन्य विचार हमसें साझा करना चाहेगी? 

मेरी किताब The DOGtrine of Peace प्रेम, करुणा, सह-अस्तित्व और सद्भाव के ऊपर एक शक्तिशाली पुस्तक है। यह आपको प्रकृति और ब्रह्मांड के साथ अपना सकरात्मक संबंध स्थापित करने एवं अपने हृदय द्वारा प्रेम और शांति के साथ आध्यात्मिक जागरण व ज्ञानोदय का मार्ग सशक्त करती है। यदि हर कोई नौ सूत्र मार्ग या DOGtrine के नौ सूत्रों का पालन करता है, तो मुझे लगता है कि यह दुनिया एक खुशहाल और शांतिपूर्ण स्थान होगी।

यदि आप अपने जीवन को एक साथी कुत्ते के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं, तो The DOGtrine of Peace से सीख लेते हुए अपने स्थानीय पशु आश्रय या पड़ोस से एक बेघर कुत्ते को गोद लें। ऐसा करके आप एक कुत्ते के जीवन को बचाएंगे और आपके परिवार में एक सदस्य बढ़ भी जाएगा। और अगर आप The DOGtrine of Peace को पढ़ते हैं, तो आपकी आध्यात्मिक जागृति भी हो सकती है।

जानवर गोद लेने की प्रतिज्ञा करें और साथी जानवरों की कभी ब्रीडिंग या खरीदारी न करें