PETA इंडिया द्वारा लखनऊ की PhD छात्रा को Early-Career Scientist Travel अवार्ड दिया गया
प्रगतिशील सोच रखने वाले युवा वैज्ञानिक प्रयोगों में जानवरों के उपयोग को समाप्त कर रहे हैं। PETA इंडिया इन नए शोधकर्ताओं को उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत कर रहा है और उन्हें प्रशिक्षण के अवसर और सहायता प्रदान करने में मदद कर रहा है।
PETA इंडिया द्वारा CSIR-Indian Institute of Toxicology Research, लखनऊ की छात्रा रेणु नेगी को गैर-पशु परीक्षण विधियों का विकास करने के लिए Early-Career Scientist Travel Award for Advancing Non-Animal Science से पुरस्कृत किया जा रहा है एवं उन्हें सितंबर में नीदरलैंड में XVIth इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ टॉक्सिकोलॉजी में भाग लेने के लिए शैक्षिक यात्रा निधि प्रदान की जा रही है। यह चार दिवसीय सम्मेलन विष विज्ञान के प्रमुख विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने और गैर-पशु परीक्षण विधि के क्षेत्र में नयी टेक्नालजी के बारे में जानने हेतु एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा।
रेणु नेगी एक छात्रा के रूप में, जानवरों पर परीक्षण के विकल्प के रूप में विकासात्मक न्यूरोटॉक्सिसिटी के आकलन के लिए मानव-व्युत्पन्न, त्रि-आयामी मस्तिष्क ऑर्गेनॉइड मॉडल विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं। यह पुरस्कार प्राप्त करने पर उन्होंने कहा, “इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ टॉक्सिकोलॉजी में भाग लेने से मानव-व्युत्पन्न 3-डी ब्रेन ऑर्गेनॉइड मॉडल के विकास में मदद मिलेगी, जिसका उपयोग दवाओं और रसायनों की सुरक्षा और विषाक्तता अध्ययन के लिए एक स्क्रीनिंग टूल के रूप में किया जा सकता है।“
हर साल क्रूर पशु प्रयोगों पर अनगिनत धनराशि को बर्बाद किया जाता है। इसके कारण जानवरों को अत्यधिक दर्द और पीड़ा का अनुभव करना पड़ता है, जबकि पशु परीक्षणों की विश्वसनीयता बेहद कम होती है। पशु प्रयोगों से मुक्त दुनिया की दिशा में काम करना बहुत ज़रूरी है और आप इसके लिए अपना योगदान दे सकते हैं। यदि आप PETA इंडिया की गैर-पशु परीक्षण विधियों को आगे बढ़ाने वाली वैज्ञानिक टीम में शामिल होने हेतु इच्छुक हैं, तो कृपया यहां आवेदन करें।
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