भारत में लोकप्रिय कुत्तों की इन प्रजातियों को चिकित्सकीय परेशानियाँ हैं – इनकी जगह देसी कुत्ते गोद लें!
वर्तमान में भारतीय प्रजाति के ऐसे लाखों कुत्ते हैं जो सड़कों पर जीवित रहने के लिए प्रतिदिन संघर्ष कर रहे हैं और जिन्हें एक प्यारभरे स्थायी घर की अत्यंत आवश्यकता है। इसलिए 26 अगस्त को मनाए जाने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय कुत्ता दिवस’ के अवसर पर गैर जिम्मेदार ब्रीडर्स और दुकानों से विदेशी शुद्ध नस्ल का साथी कुत्ता खरीदने के बजाय देसी कुत्ता गोद लेने की शपथ लें। इस कारण पशुओं की अनियंत्रित जनसंख्या और बेघरी की समस्या में अधिक बढ़ौतरी होती है।
वर्तमान में, हमारे आसपास पाए जाने वाली कुत्तों की नस्लें प्राकृतिक नहीं हैं एवं इन्हें इन्सानों द्वारा कुछ आनुवंशिक लक्षणों और आकर्षक रूप-रंग के आधार पर विकसित किया गया है लेकिन इस कारण इन विकसित कुत्तों के अंदर कई कष्टदायी और जटिल स्वास्थ्य समस्याएं भी पाई जाती हैं। कोई भी कुत्ता इन समस्याओं को सहने का हकदार नहीं है और यह इनके संरक्षकों के लिए भी ख़तरनाक साबित हो सकती हैं। टाइम पत्रिका में छपे एक लेख के अनुसार, चार में से एक विदेशी नस्ल का कुत्ता, किसी न किसी प्रकार की गंभीर आनुवंशिक समस्या से पीड़ित पाया जाता है। भारत में खरीदी जाने वाली लोकप्रिय विदेशी नस्लों में पाए जाने वाली कुछ स्वास्थ्य समस्याएँ निम्नलिखित हैं:
- पग्स
कुत्ते की इस प्रजाति में सांस लेने में समस्या, मधुमेह, मोटापा, बार-बार होने वाली या पुरानी मस्तिष्क की सूजन, अव्यवस्थित घुटने, स्पाइना बिफिडा (प्रजनन मानक के कारण होने वाली बीमारी जिसके चलते कुत्ते के कूल्हे के ऊपर उसकी पुंछ पूरी तरह से सिकुड़ जाती है) और पग डॉग एन्सेफलाइटिस जैसा घातक मस्तिष्क रोग शामिल है।
- लैब्राडोर रिट्रीवर्स
इनमें हड्डी का कैंसर, जोड़ों का दर्द, त्वचा की एलर्जी और आंखों के कैंसर जैसी बीमारी बहुत आम हैं।
- जर्मन शेफर्ड
इनमें अक्सर गैस्ट्रिक कैंसर, डिजेनरेटिव वेमायलोपैथी (रीढ़ की हड्डी की बीमारी जो पक्षाघात का कारण बन सकती है), कूल्हे का दर्द और गतिहीनता, अंधापन, लगभग आठ प्रकार के अलग-अलग हृदय रोग, घुटने का दर्द और विभिन्न दर्दनाक, खुजलीभरे एवं बदबूदार त्वचा संक्रमण पाए जाते हैं।
- डोबर्मन पिंसर
इनमें अक्सर हृदय रोग से अचानक मृत्यु, वॉन विलेब्रांड रोग (एक आनुवंशिक स्थिति जो रक्त के थक्के जमने का कारण बनती है), गैस्ट्रिक टोरसन या ब्लोट (पाचन तंत्र से गैस को बाहर निकालने में संभावित घातक अक्षमता), और रीढ़ की हड्डी में संकुचन के कारण वॉबलर सिंड्रोम जैसे रोग पाए जाते हैं। इसके कारण ये अक्सर डगमगाकर गिर भी जाते हैं।
- बॉक्सर
इनमें कई प्रकार के कैंसर, श्वसन संबंधी समस्याएं, आंत्र सूजन रोग, आंखों का अल्सर और कार्डियोमायोपैथी जैसे रोग पाए जाते है जिस कारण इनकी रक्तचाप की क्षमता बेहद कम हो जाती है।
अपने घर के आसपास या स्थानीय पशु आश्रय से किसी भारतीय कुत्ते को अपनाकर एवं उसे बेहतर जीवन प्रदान करके, पशु जनसंख्या नियंत्रण और बेघरी की समस्या को समाप्त करने में अपना योगदान दें। यह आपके लिए एक बेहद अच्छा निर्णय साबित होगा क्योंकि ऐसा करके आप शुद्ध नस्लों की स्वास्थ्य समस्याओं के कारण होने वाले आर्थिक और मानसिक आघात से बच सकेंगे!
अपना साथी पशु गोद लेने और कभी भी पशु न खरीदने की प्रतिज्ञा करें!