रेसक्यू किए गए जानवरों के लिए दिवाली मनाने का दिन है
PETA इंडिया द्वारा रेसक्यू किए गए सभी जानवरों की जिंदगी एकदम से बदल चुकी है। भारी माल ढुलाई का काम करने, सर्कस में करतब दिखाने या फिर दर्दनाक मौत का शिकार होने से बचा कर लाये गए यह जानवर अब सेंचुरी में चैन की जिंदगी जी रहे हैं-
अक्षय
अक्षय को अब माल ढुलाई का काम नहीं करना पड़ता –
अफ़जल
अफ़जल के दुख भरे दिन दूर हो चुके हैं।
बछया
बछया के लिए दिन भर बोझा ढोना अब पुरानी बात हो चुकी है।
भरत, जय एवं विराट
अब यह तीनों दिन भर काम नहीं करते बल्कि मजे करते हैं
भूरिया
इसे बकरीद के दौरान कुर्बानी देने के लिए ले जाया जा रहा था
टार्जन एवं गैरी
यह दोनों अब दिन भर खेलते और मस्ती करते हैं .
करण, अफजल एवं ट्रेसी
करण और अफ़जल को भी बकरीद के दौरान कुर्बानी देने के लिए ले जया जा रहा था जबकि ट्रेसी को एक सर्कस से आज़ाद करवाया गया था।
किरण
किरण अब बोझा ढोने से बिलकुल आज़ाद है।
विजय, बादल एवं राज्या
अब इनकी सारी जरूरतें पूरी होती हैं
पार्वती
पार्वती की देखभाल करने में सेंचुरी का सारा स्टाफ बहुत खुश रहता है।
प्रशांत एवं घनश्याम
अब इन दोनों को बचा खुचा नहीं बल्कि हमेशा स्वादिष्ट भोजन मिलता है
सुल्तान एवं प्रिंस
अब यह दोनों हमेशा के लिए पक्के दोस्त हैं।
रमेश
अब रमेश को पुराने दिनों की तरह मजदूरी नहीं करनी पड़ती
शिव्बा और गोविंदा
इन्हें अपने खाने से बहुत प्यार है
सिमरन
पहले सर्कस के दुख भरे दिन और अब यादगार जिंदगी
sundari
इसे आराम करना बहुत पसंद है
समीर
अब समीर को सर्कस में करतब दिखाने के लिए मार नहीं खानी पड़ती
उन्मुक्त
ईद पर कुर्बानी से बचाए गए उन्मुक्त को अब सेंचुरी की जिंदगी बहुत पसंद है।
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आपकी मदद एवं सहयोग के बिना इनमे से एक भी जानवर का रेसक्यू करना संभव नहीं था। दिवाली के उपलक्ष्य में आज ही एक उपहार भेजें