PETA इंडिया की निदेशक पूर्वा जोशीपुरा ने Pratha-Indic Renaissance के साथ वीगन जीवनशैली, परंपरा और पशु कल्याण के संबंध में चर्चा करी
क्या मुस्लिम या ईसाई धर्म के अनुयायी वीगन जीवनशैली अपना सकते हैं? क्या कोई हिन्दू दूध से निर्मित पदार्थों का त्याग कर सकता है? यदि आप किसी विशेष समुदाय से हैं तो क्या आपको पशु बलि, या मंदिरों में हाथियों को जंजीरों से बांधने का समर्थन करना होगा?
PETA इंडिया के समर्थक सभी धर्मों और समुदायों से हैं और यह इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि सभी धर्मों के लोग पशुओं के प्रति दयालुता का प्रदर्शन कर सकते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु कृपया PETA इंडिया की निदेशक पूर्वा जोशीपुरा के साथ Pratha Indic Renaissance की संयुक्त सचिव शीनम D के साथ चर्चा को विस्तार से सुनिए जिसका विषय है: ‘Bridging Beliefs: Balancing Vegetarianism, Religion, Tradition & Animal Welfare in India’
पूर्वा जोशीपुरा For a Moment of Taste: How What You Eat Impacts Animals, the Planet and Your Heath और Survival at Stake: How Our Treatment of Animals is Key to Human Existence नामक दो बेहद चर्चित पुस्तकों की लेखिका भी हैं।
इस चर्चा की गहराई का अंदाज़ा इस कोट से लगाया जा सकता है:
‘जो कोई भी अल्लाह के बनाए सजीव प्राणियों के प्रति दयालुता दर्शाता है, वह स्वयं के प्रति भी दयालु होता है।’
—पैगंबर मुहम्मद (PBUH),
हदीस: बुखारी
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