PETA इंडिया के हस्तक्षेप के बाद तीन कुत्तों को जहर देने के आरोप में दो लोगों पर मामला दर्ज किया गया

Posted on by Shreya Manocha

तीन सामुदायिक कुत्तों को जहर देने की भयानक घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद, PETA इंडिया द्वारा शिकायतकर्ता के साथ मिलकर सभी संबंधित अपराधियों के खिलाफ़ FIR दर्ज कराई गई।

यह घटना कथित तौर पर 04 दिसंबर को ला विले टाउनशिप, आदिगारा कल्लहल्ली गांव, सरजापुरा होबली, अनेकल तालुक, बेंगलुरु – 562 125 में हुई थी। श्री गोकुल और सुश्री श्रुति नायर के रूप में पहचाने गए आरोपियों ने कथित तौर पर कुत्तों को जहर दिया, जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई। इस क्रूरता के बाद अन्य दो कुत्तों की हालत बेहद गंभीर है। वही एक अन्य कुत्ते के लिवर को क्षति पहुंची है लेकिन वह खतरे से बाहर है और उसकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है। सबसे दुखद बाद यह है कि सभी पीड़ित कुत्तों में से एक मादा कुत्ते की आंखे पूरी तरह से खराब हो गई हैं और यह ठीक से खड़ी या चल भी नहीं पा रही है। इस कुत्ते की सूंघने की क्षमता भी समाप्त हो गई है।

सरजापुरा पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण (PCA)  अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत FIR दर्ज करी है। BNS, 2023 की धारा 325 के तहत किसी भी जानवर को अपंग बनाना या उसकी हत्या करना संज्ञेय अपराध है और इसके लिए पांच साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। PCA, 1960 की धारा 11(1) “क्रूरता” शब्द को परिभाषित करती है, जिसमें अनावश्यक दर्द और पीड़ा पैदा करना शामिल है और इसे दंडनीय बनाता है।

PETA इंडिया अनुशंसा करता है कि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को मनोचिकित्सकीय मूल्यांकन से गुजरना चाहिए और परामर्श प्राप्त करना चाहिए, क्योंकि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार एक गहरी मनोवैज्ञानिक गड़बड़ी का संकेत देता है। अनुसंधान से पता चलता है कि जो लोग पशुओं के प्रति क्रूरता करते हैं, वे अक्सर बार-बार अपराध करने वाली मानसिक्ता से ग्रस्त होते हैं जो आगे चलकर मनुष्यों सहित अन्य पशुओं को भी चोट पहुंचाते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है, “जो लोग पशुओं पर क्रूरता में शामिल होते हैं, उन्मे अन्य के मुकाबले अपराध करने की संभावना [तीन] गुना अधिक होती है, जिनमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं या मादक द्रव्यों का सेवन जैसी आपराधिक गतिविधियों शामिल है ।”

PETA इंडिया पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया है, जिसमें पुराने, अपर्याप्त दंड शामिल हैं, जैसे कि पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाए जाने पर केवल 50 रुपये का अधिकतम जुर्माना। (हालाँकि भारतीय न्याय संहिता, 2023, में कड़ी सज़ा का प्रावधान है)। अधिनियम में संशोधन के संबंध में केंद्र सरकार को भेजे गए एक प्रस्ताव में, PETA इंडिया ने पशुओं के प्रति क्रूरता के लिए दंड में उल्लेखनीय वृद्धि करने की सिफारिश की है।

पशु क्रूरता के खिलाफ़ मजबूत दंड प्रावधानों की मांग करें!

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