वीगन एवं शाकाहारी मुस्लिम बता रहे हैं की उन्होने ईद-उल-अज़हा (बकरीद) का त्यौहार कैसे मानते हैं
हर साल बकरीद के त्यौहार के दौरान लाखों बकरों, भेड़ें एवं अन्य जानवरों का कत्ल कर दिया जाता है, इस वर्ष अकेले बांग्लादेश में 1 करोड़ 11 लाख 80 हज़ार पशुओं को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। लेकिन हमारे वीगन एवं शाकाहारी मुस्लिम दोस्त जानते हैं कि ईद के त्यौहार को दयालुता से मनाने के भी बहुत से तरीके हैं।
इस्लाम का एक संदेश यह भी है कि “सभी प्राणियों के साथ आदर एवं सम्मान भरा व्यवहार होना चाहिए”।
“इंसान की तरह समुदायों का निर्माण करने वाले ऐसे किसी भी प्राणी को हमने इस किताब में शामिल करने से छोड़ा नहीं है चाहे वो जमीन पर रहने वाला कोई जानवर हो या आसमान में उड़ने वाला कोई परिंदा, अंत में सबको अल्लाह के सामने हाजिर होना है।“- अल-कुरान, 6:38
وَمَا مِن دَابَّةٍ فِي الْأَرْضِ وَلَا طَائِرٍ يَطِيرُ بِجَنَاحَيْهِ إِلَّا أُمَمٌ أَمْثَالُكُم ۚ مَّا فَرَّطْنَا فِي الْكِتَابِ مِن شَيْءٍ ۚ ثُمَّ إِلَىٰ رَبِّهِمْ يُحْشَرُونَ – 6:38
यह फर्क नहीं पड़ता की आप किस मजहब को मानने वाले हो, लेकिन आप जानवरों को बिना नुकसान पहुंचाए अपनी मान्यताओं को निभा सकते हो। जरूरतमंदों एवं जानवरों की मदद करने का संकल्प लेते हुए आज से ही क्रूरता मुक्त जीवन की शुरुवात करें। PETA इंडिया इस काम में आपकी पूरी मदद करेगा।
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