Pope Francis इस ग्रह को बचाने के लिए वीगन जीवनशैली अपनायेंगे?
Pope Francis द्वारा संयुक्त राष्ट्र (US) जलवायु शिखर सम्मेलन, COP26, में विश्व नेताओं को जलवायु संकट से निपटने के लिए “कड़ी” कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने के बाद, PETA UK ने परम सम्मानीय को एक पत्र लिखकर उनसे वीगन जीवनशैली अपनाकर जनता के लिए एक “बेहतरीन उदाहरण” स्थापित करने का आग्रह है।
इस ग्रह के हित में वीगन जीवनशैली अपनाएं
केवल मांस और डेयरी उत्पादों का त्याग करके अपने कार्बन फूटप्रिंट को 73 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है और यह इस ग्रह पर अपने नकारात्मक प्रभाव को कम करने का सबसे सफ़ल तरीका है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार – मांस, अंडा एवं दूध के उत्पादों के लिए पशुओं का पालन एवं हत्या वैश्विक ग्रीन हाउस उत्सर्जन के 14.5% हिस्से के लिए जिम्मेदार है, जो कुछ अनुमानों से, दुनियाभर के परिवहन से होने वाले गैस उत्सर्जन से कही अधिक है।
जानवरों के ख़ातिर वीगन जीवनशैली अपनाएं
जब भी मनुष्य मांस, अंडे या डेयरी का सेवन करते हैं, वे सीधे तौर पर जानवरों को नुकसान पहुंचाते हैं।
PETA इंडिया लगातार यह बताने की कोशिश कर रहा है कि डेयरी उद्योग में प्रयोग किए जाने वाले जानवरों को हिंसक और पीड़ादायक प्रक्रिया से कृत्रिम ढंग से गर्भधारण कराया जाता है और पैदा होते ही नवजात बछड़ों को उनकी माताओं से अलग कर दिया जाता है जिससे उनके दूध को इंसानों के लिए चुराया जा सके।
इन जानवरों को परिवाहित करते समय अक्सर ट्रकों को ठूस-ठूसकर भरा जाता है जिस कारण इन्हें भयानक डर का सामना करना पड़ता है। सूअर, मुर्गियां, भेड़, और अन्य जानवरों को उनके मांस, अंडे या स्राव के लिए पाला जाता है जिस कारण इनका अस्तित्व भयानक तौर पर क्षतिग्रस्त हो जाता है।
हर वीगन प्रत्येक वर्ष लगभग 200 जानवरों को अत्यंत दुख और भयानक मौत से बचाता है।
यह समय Pope द्वारा मांस का त्याग करने हेतु बिल्कुल उचित है
Assisi के St Francis ने लोगों से जानवरों के प्रति करुणामय व्यवहार करने का अनुरोध किया और उन्हें इंसानों के भाई-बहन घोषित किया। हमें उम्मीद है कि Pope Francis जानवरों को उनके मांस के लिए मारने और उनके अंडे और दूध चुराने की क्रूर प्रथाओं का विरोध करेंगे एवं पौष्टिक वीगन खाद्य पदार्थों का चयन करके वीगन जीवनशैली अपनायेंगे।
PETA UK ने वर्ष 2015 में Pope Francis को उनके ग्रंथ Laudato si’ के लिए PETA इंडिया “पर्सन ऑफ दी इयर” के ईनाम से नवाज़ा। जिसमें उन्होंने जानवरों के प्रति दयालुतापूर्ण व्यवहार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने लिखा, “किसी भी प्राणी के प्रति क्रूरता का हर कार्य ‘मानव गरिमा के विपरीत’ है।”
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