PETA इंडिया द्वारा वेदांत प्रशिक्षक आचार्या प्रशांत को ‘सबसे प्रभावशाली वीगन अवार्ड’, मोनिका शाह और करिश्मा स्वाली को JADE हेतु ‘कंपैशनेट डिज़ाइनर अवार्ड’ और डॉ. रविंदर सिंघल को ‘ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड’ से नवाज़ा गया
PETA इंडिया की ओर से वेदांत प्रशिक्षक आचार्या प्रशांत को मांस, अंडा और डेयरी उद्योग में शोषित जानवरों की रक्षा करने हेतु जनता के बीच वीगन जीवनशैली का प्रचार-प्रसार करने के लिए वर्ष 2022 के ‘सबसे प्रभावशाली वीगन’ के पुरस्कार से नवाज़ा गया। इसके साथ-साथ, डिज़ाइनर मोनिका शाह और करिश्मा स्वाली को उनके चमड़ा-मुक्त ब्रांड JADE हेतु ‘कंपैशनेट डिज़ाइनर अवार्ड’ से नवाज़ा गया और महाराष्ट्र के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस IPS डॉ. रविंदर सिंघल को कुत्तों को गोद लेने की प्रथा को बढ़ावा देने, जानवरों के प्रति क्रूरता संबंधी मामलों के खिलाफ़ कार्रवाई करने, महामारी के दौरान सामुदायिक जानवरों को भोजन देने की पहल करने और नासिक के एक कुख्यात वन्यजीव तस्कर के खिलाफ़ छापेमारी में सहायता करने हेतु ‘ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड’ से नवाज़ा गया।
माननीय आचार्य प्रशांत को यह अवार्ड जनता को पशु क्रूरता के खिलाफ़ जागरूक करने एवं अहिंसक जीवन जीने और वीगन जीवनशैली अपनाकर सभी जीवित प्राणियों का सम्मान करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए प्रदान किया जा रहा है। उनके द्वारा मांस, अंडा और डेयरी उद्योग में जानवरों के साथ होने वाली क्रूरता के खिलाफ़ लगातार आवाज़ उठाई गयी है और लाखों लोगों को पशुओं से चुराए गए उत्पादों के सेवन के खिलाफ़ जागरूक किया गया है। उनके द्वारा हमेशा इस तथ्य पर ज़ोर दिया गया है कि खराब स्वास्थ्य और पर्यावरणीय क्षति के वैश्विक संकट का समाधान वीगन जीवनशैली और अध्यात्म है।
भारत में सबसे बेहतरीन वस्त्र ब्रांड्स में से एक डिजाइनर मोनिका शाह और करिश्मा स्वाली द्वारा JADE ने PETA इंडिया के सहयोग से “मेड फॉर लव” शीर्षक से अपनी पहली वीगन एक्सेसरी लाइन पेश की है। यह सभी उत्पाद पूर्ण रूप से क्रूरता मुक्त हैं और वीगन एवं मानवता के मूल्यों पर आधारित हैं।
डॉ रविंदर सिंगल IAS ने अपनी साइबर क्राइम टीम के साथ मध्य प्रदेश में एक स्टंपिंग मामले में PETA इंडिया को बड़ी जीत दिलाने में सहायता की थी। इस मामले में एक कुत्तों को डूबाने वाले किशोरों पर मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
आज के मांस, अंडा और डेयरी उद्योगों में भारी संख्या में पशुओं को बड़े-बड़े गोदामों में गंभीर कैद में पाला जाता है। जैसा कि PETA इंडिया ने अपने “Glass Walls” नामक वीडियो के द्वारा खुलासा किया है कि भोजन के लिए मारी जाने वाली मुर्गियों की हत्या करने से पहले उनके साथ कितनी क्रूरता की जाती है, उन्हें उल्टा लटकाया जाता है। गायों एवं भैंसों को इतनी अधिक संख्या में गाड़ियों में ठूस ठूस कर बूचडखानों में भेजा जाता है कि परिवहन के दौरान और बूचड़खानों तक पहुँचने से पहले रास्ते में ही उनकी हड्डियाँ टूट जाती हैं। भोजन के लिए मारे जाने वाले सूअरों के दिल में छुरा घोंप दिया जाता है। मछलियों को समुद्र से निकाल कर नौकाओं के डेक पर फेंक दिया जाता है जहां पानी के अभाव में वह घुट घुट कर मर जाती हैं।
वैश्विक चमड़ा उद्योग हर साल 1.4 बिलियन से अधिक गायों, बकरियों और भेड़ों – और लाखों अन्य संवेदनशील, बुद्धिमान जानवरों को मारता है। भारत में चमड़े के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जानवरों को अक्सर इतनी बड़ी संख्या में वाहनों में भर दिया जाता है कि बूचड़ खानों तक जाते जाते कई जानवर रास्ते में ही गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं या मर जाते हैं। फिर उन्हें बूचड़खानों में घसीटा जाता है, जहाँ उन्हें मल, रक्त, आंत और मूत्र से ढके फर्श पर एक दूसरे के सामने खुले में काट कर मौत के घाट उतार दिया जाता है।
ग्लोबल फैशन एजेंडा द्वारा प्रकाशित 2017 की “पल्स ऑफ द फैशन इंडस्ट्री” रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि चमड़ा फैशन में सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाली सामग्री है।
भारत में चमड़ा टेनरियों में गरीब मजदूर को काम करते हैं जहां वे घातक रसायनों और स्थितियों के संपर्क में आते हैं। क्रोमियम, जो दुनिया के 90% चमड़े के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है, फेफड़े, मूत्राशय, अग्न्याशय, गुर्दे, वृषण और त्वचा के कैंसर के साथ-साथ अल्सर, नाक सेप्टम क्षति, जिल्द की सूजन और श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बांग्लादेश के चमड़े के कमाना क्षेत्र में, चमड़े के कामगारों में से 90% चमड़े के कामगारों में जहरीले रसायनों के संपर्क में आने के कारण 50 वर्ष की आयु से पहले मर जाते हैं, और कई श्रमिक बच्चे हैं।
इससे पहले प्रस्तुत अवार्ड से अनीता डोंगरे, पूर्वी दोशी और अनुपमा दयाल जैसी प्रतिभावान हस्तियों को नवाज़ा गया है।
PETA इंडिया सभी को वीगन भोजन अपनाने में मदद करने हेतु मुफ्त वीगन स्टार्टर किट प्रदान कर रहा है। वीगन भोजन कैंसर, मधुमेह, मोटापा एवं हृदय रोग से पीड़ित होने के जोखिम को कम करने में सहायक है व ग्रीनहाऊस गैस उत्सर्जन को कम करके जलवायु परिवर्तन के गंभीर खतरों से लड़ने में मदद करता है और भविष्य में होने वाली महामारियों को भी रोक सकता है। COVID -19, सार्स, स्वाइन फ्लू एवं बर्ड फ्लू जैसी भीषण महामरियाँ होने का कारण भी मांस के लिए पाले जाने वाले जानवरों की मास मंडियों को माना गया है।
आज ही वीगन भोजन का आनंद उठाएँ हमेशा वीगन उत्पादों की ख़रीदारी करें संकट में पड़े पशुओं की सहायता करें