PETA इंडिया मांग करता है कि ठाणे के जिन बच्चों ने कुत्ते के तीन छोटे बच्चों को यातना देते हुए मार दिया, उनकी मनोवेज्ञानिक जांच तथा काउन्स्लिंग होनी चाहिए। 

Posted on by Surjeet Singh

ठाणे में 4 बच्चों ने महज एक माह की उम्र के कुत्ते के तीन छोटे बच्चों को यातना देते हुए मार दिया। बच्चों ने, कुत्ते के तीनों बच्चों की आंखे निकाल दी, उनकी हड्डियाँ तोड़ दी, उनके पैर काट दिये व अंततः बड़े पत्थर से उन्हे कुचल दिया। PETA इंडिया ने ठाणे के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर इस मामले की जांच, आरोपी बच्चों को किशोर सुधार केंद्र भेजने तथा उनकी मनोवेज्ञानिक जांच व परामर्श की मांग की है। जानवरों की हत्या करना, भारतीय दंड संहिता की धारा 429 तथा ‘प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स एक्ट 1960 के सेक्शन 11(1)(a) एवं (I) के तहत दंडनीय अपराध है। हमने ठाणे पुलिस को यह भी बताया की हम इन बच्चों के स्कूलों को अपनी मानवीय शिक्षा किट “कंपेशनेट सिटीजन” प्रदान करेंगे ताकि अध्यापक बच्चों को जानवरों के प्रति करुणामयी होने की शिक्षा दे सकें।

यह सारा मामला उस समय संज्ञान में आया जब प्रियंका डाभोलकर ने PETA के एमरजेंसी नंबर पर संपर्क कर इस घटना की जानकारी दी। प्रियंका डाभोलकर एनिमल्स वेलफ़ेयर एसोसिएशन नामक संस्था की संस्थापक व अध्यक्षा है जो ठाणे में बेघर जानवरों के संरक्षण हेतु कार्य करती है। PETA एवं प्रियंका ने मिलकर पुलिस से अनुरोध किया कि आरोपी बच्चों के अभिभावकों को पुलिस स्टेशन में बुलाया जाए। हालांकि हर किसी की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है की इन बच्चों को सही मार्गदर्शन व सहायता प्रदान की जाए। जानवरों के प्रति इस प्रकार का दुर्व्यवहार गंभीर मानसिक अशांति का संकेतक है। मनोविज्ञान तथा अपराध विज्ञान के क्षेत्र में हुए शोध बताते है इस प्रकार के अपराध करने वाले लोग केवल वहीं तक सीमित नही रहते बल्कि बहुत से लोग इस से आगे बढ़ते हुए इन्सानों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। अमेरिकी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन ने पाया है की इतिहास में पहले भी जानवरों के प्रति क्रूरता, निरंतर रूप से बलात्कार व हत्या करने वाले अपराधियों की आपराधिक मानसिकता का एक लक्षण रहा है।

इतिहास ऐसे अपराधियों से भरा पड़ा है जिन्होने अपने अपराध की शुरुआत जानवरों के प्रति हिंसा से की थी। अमेरिका में अल्बर्ट डीसाल्वो, जिसने 13 महिलाओं की हत्या की थी वो कुत्ते व बिल्लियों को कैद करके उन पर तीर चलाता था। सीरियल किलर जेफ़री डामर पहले कुत्तों, बिल्लियों एवं मेंडकों के सर पर लाठी के जोरदार प्रहार से उनको मार देता था। यू.के. में स्टीवन बार्कर जिसने एक बच्चे को प्रताड़ित कर मार दिया था, उसको जीनीवा पिग्स एवं अन्य जानवरों को यातना देने में आनंद आता था तथा मेंडकों के पैर तोड़ने से पहले उनकी खाल उतार देता था। अमीरुल इस्लाम, जिसको केरल में कानून की पढ़ाई कर रही एक छात्रा जीशा के बलात्कार व हत्या के जुर्म में सजा सुनाई गयी, इस अपराध से पहले यह शक्स एक बकरी व कुत्ते का बलात्कार कर उनकी हत्या कर चुका था। PETA इंडिया लंबे समय से देश के मुख्य पशु संरक्षण कानून “प्रीवेनशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स एक्ट 1960” को मजबूत बनाने की सिफ़ारिश कर रहा है जिसमे पुराने समय के दंड का प्रावधान है जैसे जानवरों के खिलाफ अपराध में पहली बार दोषी पाये दिये जाने पर अधिकतम 50 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।

पशु संरक्षण कानून को मजबूत बनाने की सिफ़ारिश की मुहीम में शामिल होकर आप जानवरों की मदद कर सकते हैं। आज ही हमारी याचिका पर हस्ताक्षर करें।

अब कार्रवाई करें