यह घायल कछुआ आपको प्लास्टिक के बारे में सोचने पर मजबूर कर देगा।
हम सभी जानते हैं की कूड़ा कचरा इस ग्रह के लिए हानिकारक है लेकिन क्या आपको पता है की यह जानवरों के लिए भी घातक है ? सीवर में बहने वाला कूड़ा, समुद्र के किनारे उड़ने वाला कचरा या फिर पहाड़ियों से गिरकर सीधा समुद्र में जाने वाला करकट संवेदनशील समुद्री जीवों को आसानी से नुकसान पहुंचा सकता है। जमीन पर गिरे सोढ़ा बोतल के ढक्कन, बोतलें, केन एवं स्ट्रा वन्यजीवों, कुत्तों व बिल्लियों की मौत का कारण बन सकते हैं। शुक्र है कि प्रतिदिन के कूड़े कचरे से होने वाले नुकसान से निपटने के लिए हमारे पास कई तरीके हैं।
हालांकि इस वीडिओ में कछुए को बचा लिया गया है, उसे कचरे से भरे स्ट्रा के कारण बेहद कष्ट एवं मानसिक तनाव से गुजरना पड़ा। अनेकों जानवर जिनको कूड़े कचरे से मिली चोटों से निजात पाने में किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाती वो धीमी व दर्दनाक मौफ का शिकार हो जाते है।
आप क्या कर सकते हैं :
कभी भी कचरा खुले में न फेंके, पशु गलती से खाना ढूंढते हुए उस कचरे में पड़े प्लास्टिक इत्यादि से चोट अथवा दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। कचरा फेंकने से पहले उसे अच्छी तरह से रिसाईकल बैग में डाल कर ऊपर से सुरक्षित तरीकों से बंद कर दें ताकि कोई जानवर उसमे न घुस पाये व दूसरों के कूड़े पर भी नजर रखें। सड़कों, रस्तों व समुद्र के किनारों पर से भी कचरा उठाना बंद करना जानवरों की मृत्यु का कारण बन सकता है। प्लास्टिक उत्पादों की जगह पुना प्रयोग किए जा सकने वाले उत्पादों जैसे राशन के लिए कपड़े के थैले, धुल कर पुनः इस्तेमाल हो सकने वाले स्ट्रा व प्लेट का इस्तेमाल करना चाहिए।