जानवरों की हत्या किए बिना तैयार वीगन वस्त्रों में आकर्षक दिखें
मिलिंद सोमन और अंकिता कोंवर द्वारा प्रदर्शित PETA इंडिया की नई “वीगन फ़ैशन लुकबुक” देखें जिसे “FDCI x लैक्मे फ़ैशन वीक” में पहली बार प्रदर्शित किया गया
“FDCI x लैक्मे फ़ैशन वीक” के “Sustainable Fashion Day” के उपलक्ष्य में PETA इंडिया ने एक नई “वीगन फ़ैशन लुकबुक” लॉन्च की है जिसमे अभिनेता मिलिंद सोमन और उनकी पत्नी अंकिता कोंवर ऐसे आठ अलग-अलग लुक प्रदर्शित कर रहे हैं जिन्हें फर, चमड़ा, ऊन, विदेशी खाल, कश्मीरी (ऊन), मोहायर, या सिल्क के उपयोग के बिना तैयार किया गया है। इस लुकबुक की फोटोज़ को कॉलस्टन जूलियन द्वारा शूट और पल्प इंडिया द्वारा डिजाइन किया गया है। मिलिंद सोमन और अंकिता कोंवर की वेषभूषा को कृतिका शर्मा के सहयोग से देवकी भट्ट द्वारा तैयार किया गया। उनका हेयरस्टाइल और मेकअप को निवेदिता नायक और अभिलाषा कुलकर्णी के सहयोग से निखर जिवानी के निर्देशन में किया गया है।
पहला खास लुक
इसमें पुरुषों एवं स्त्रियॉं के लिए ख़ास एवं आम अवसरों पर, ऑफिस में और खेल-कूद से सबंधित गतिविधि हेतु पहनने के लिए तीन अलग-अलग अंदाज़ में प्रदर्शित किया गया है। इसमें Proyog, Daisy Days, Urvashi Kaur, Papa Don’t Preach by Shubhika, The Frou Frou Studio, AZGA, Equiivalence, Kunal Anil Tanna, Ethik, Mati, Strey, A Big Indian Story, Paaduks, Countrymade, Jenjum Gadi, और Outhouse के वीगन उत्पादों को भी हाइलाइट किया गया है।
इस बेहतरीन लुकबुक पर एक नज़र डालें जिसकी शूटिंग सोफिटेल मुंबई BKC में हुई थी और इसका निर्माण अनुपमा मल्होत्रा और निर्देशन रवि शंकर ने किया, जिन्हें प्रांजल आशा ने असिस्ट किया। लुकबुक के डाइरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी विकास वसुदेवन और एडिटर अक्षय मेहता है।
प्रसिद्ध अभिनेता मिलिंद सोमन ने कहा, “जब भी हम वीगन उत्पादों का चयन करते हैं, तब हम दयालुता की तरफ एक कदम बढ़ाते हैं। मैंने PETA इंडिया के अपने मित्रों के साथ मिलकर FDCI x लैक्मे फैशन वीक के लिए, वर्तमान में उपलब्ध कुछ बेहतरीन वीगन और पर्यावरण अनुकूल उत्पादों का प्रदर्शन किया है।“
अंकिता कोंवर ने कहा, “PETA इंडिया की फ़ैशन लुकबुक यह साबित करती हैं कि जानवरों को नुकसान दिए बिना भी आकर्षक दिखा जा सकता है।“
Rise Worldwide के लाइफ़स्टाइल बिजनेस हेड जसप्रीत चंडोक ने कहा, “मुझे यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि FDCI x लैक्मे फैशन वीक का Sustainable Fashion Day पूर्ण रूप से चमड़ा–मुक्त आयोजन है और हमें PETA इंडिया के साथ मिलकर वीगन फ़ैशन को बढ़ावा देते हुए बहुत खुशी हो रही है।”
Office Wear
Milind Soman
Outfit: Urvashi Kaur
Sandals: Paaduk’s
Ankita Konwar
Dress: Daisy Days
Earrings: A Big Indian Story
Shoes: A Big Indian Story
Belt: Outhouse
Date Night
Milind Soman
Suit: Jenjum Gadi
Shirt: Countrymade
Sandals: Paaduks
Ankita Konwar
Dress: Urvashi Kaur
Heels: The Frou Frou Studio
Earrings: Azga
Necklace: Equiivalence
Leisure Life
Milind Soman
Outfit: Kunal Anil Tanna
Shoes: Ethik
Ankita Konwar
Dress: Mati
Earrings: A Big Indian Story
फ़ैशन के कारण पीड़ा झेलना
अकेले भारत में हर साल लगभग 3 करोड़ 40 लाख गायों और भैसों को मौत के घाट उतारा जाता है। कई जानवरों को जबरन “मौत के सफ़र” पर ले जाया जाता है, जिसके दौरान उनकी पूंछों को तोड़ा-मरोड़ा जाता है और जब वह भूख-प्यास, थकावट, चोट या पीड़ा के कारण चलने में असफल होते हैं तो उनकी आँखों में तंबाकू, लाल मिर्च या नमक रगड़ा जाता है। अन्य गाय-भैसों को गाड़ियों में इस प्रकार ठूस-ठूसकर भरा जाता है कि कई बार यात्रा के दौरान ही उनकी मौत हो जाती है। कई जानवर इतने बीमार और कमज़ोर हो जाते हैं कि कर्मचारियों द्वारा उन्हें बूचड़खानों में घसीटकर लेकर जाया जाता है यहाँ उन्हें खून से लतपत मरने के लिए छोड़ दिया जाता है या उनके सजग रहते ही उनके शारीरिक अंगों को काटा जाता है।
साँपों को उनकी चमड़ी के लिए हवा से फुलाकर मौत के घाट उतारा जाता है, फर के लिए मारे जाने वाले जानवरों को नियमित रूप से बिज़ली के झटके दिए जाते हैं, कश्मीरी ऊन के लिए बकरियों के बालों को छिला जाता है, मोहायर या ऊन के लिए प्रयोग होने वाली भेड़-बकरियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है, उन्हें इधर-उधर पटका जाता हैं और अक्सर उनके शारीरिक अंगों को काटा जाता हैं। इसके साथ ही, रेशम के कीड़ों को सिल्क के लिए उबलते पानी में डाला जाता है।
चमड़ा: पर्यावरण के लिए पूरी तरह से ख़तरनाक उत्पाद
2017 की “पल्स ऑफ़ द फैशन इंडस्ट्री” रिपोर्ट, जो कि बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के सहयोग से ग्लोबल फैशन एजेंडा द्वारा प्रकाशित की गई है, ने निष्कर्ष निकाला है कि गाय का चमड़ा फैशन उद्योग में सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाला पदार्थ है, जबकि सिल्क और ऊन पर्यावरणीय रूप से पाँच सबसे हानिकारक सामग्रियों में शामिल हैं। चमड़े को सड़ने से बचाने के लिए, चमड़ा उद्योग में जहरीले रसायनों का प्रयोग किया जाता है जो अक्सर लीक हो जाते हैं या जलमार्गों में फेंक दिए जाते हैं, जिसके कारण व्यापक प्रदूषण फैलता है। इस कारण मानव स्वास्थ्य को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है और कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ जाता है।
वर्तमान में बहुत बड़ी संख्या में डिजाइनर और रिटेलर वीगन फ़ैशन को अपना रहे हैं। देश के सभी प्रमुख कपड़ा दुकानों पर वीगन चमड़ा और अन्य जानवर- हितैषी विकल्प उपलब्ध हैं। ऐसी कंपनियों की सूची देखें जो “PETA-Approved Vegan” लोगो का उपयोग करती हैं।