विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के वुहान शहर के जीवित पशु मंडियों से नोवल कोरोन वायरस उत्पन्न हुआ था – जिसकी वजह से दुनिया भर में आज तक 330,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। फिर भी दुनिया में यह बाजार क्यों खुले हैं ?

COVID-19 के शुरू होने के बाद अप्रैल के शुरुआती महीनों में इंडोनेशिया और थाईलैंड में PETA एशिया के जांचकर्ताओं ने वहाँ के जीवित पशु मांस बाजारों की जांच पड़ताल की और वहां के फुटेज जारी किए। एशिया के जीवित पशु मांस बाजारों पर की गयी इस जांच में गन्दगी, जानवरों की पीड़ा, बेबसी और दर्दनाक मौत देखी गयी है। बढती हुई मौत की संख्या को देखकर दुनियाभर के लीडर इस तरह के जीवित पशु मांस बाजारों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान कर रहे हैं, समय की गंभीरता को देखते हुए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने की सख्त आवश्यकता है लेकिन फिर भी इन बाजारों में हमेशा की तरह ही मांस व्यवसाय चालू है।

यही वह जीवित पशु मांस बाज़ार हैं जहाँ से किसी अगली महामारी की उत्पत्ति हो सकती है

यह नया फुटेज, दो दिन पहले ही चित्रित किया गया है, जिसमें इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम के जीवित पशु मांस बाजारों को दिखाया गया है, जहाँ मुर्गियां, बतख़ें, मछलियाँ और कुत्तों के साथ-साथ चमगादड़, बंदर और अन्य विदेशी जानवरों को बेचा जा रहा है।

डरे सहमे जीवित जानवर, खून से लथपथ शव और सड़ते मांस को हम सभी मानव के उपभोग के हेतु बेचने के लिए रखा गया है। कई जगहों पर जांचकर्ताओं ने देखा कि बाजार में लोग इन जानवरों के खून से लथपथ फर्श पर चहल-कदमी कर रहे थे व बिक्री की दुकानों में रखे मांस व खून लगे काउंटर को बिना दस्तानों के छू रहे थे। दो अन्य बाजारों में सिवेट्स (बिल्ली नुमा जानवर) और चमगादड़ का मांस बेचा जा रहा था, यह पता होते हुए भी कि यह एक जलाशय प्रजाति है और इनसे गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम रोग फ़ैल सकता है  (जिसे SARS नाम से जाना जाता है )- यह एक अन्य कोरोना वायरस से फैलने वाला रोग है।

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हर जगह खून और सडा हुआ मांस

कुछ सप्ताह पहले जब PETA  एशिया के जांचकर्ताओं ने इंडोनेशिया और थाईलैंड के जीवित पशु बाजारों का दौरा किया तो वे यह देखकर चौंक गए कि इतनी गंभीर परिस्थिति में भी इस बाज़ार में व्यवसाय चल रहा है। इंडोनेशिया के टॉमहोन मार्केट में जंगली सूअर, सांप, कुत्ते और चूहों (जिनके बच्चे इतने नन्हे हैं कि नहाते समय वे अपनी माँ के गले पर हात डालकर रखते हैं), का मांस बाज़ार में खुले आम बेचा जा रहा था। मजदूरर बिना दस्ताने पहने जानवरों को वहीँ मारकर अपने नंगे हाथों से पशुओं के मांस को संभाल रहे थे । एक सांप को कांटकर एक टेबल पर रखा गया था, जिसके खून से सफ़ेद टाइल्स लाल हो गई थी। खुले घावों वाली मुर्गियों  को अन्य पक्षियों के साथ मारे जान के लिए रखा गया था ।

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बिल्लियों को भी पिंजरे में कैद करके मांस के लिए बेचा जाता है

बेहद डरी सहमी बिल्लियों को भीड़-भाड़ वाली जगह में, बिना भोजन और पानी के गंदे पिंजरों में कैद करके तब तक रखा गया था जब तक कोई ग्राहक उन्हें मांस के लिए खरीद नहीं लेता था।  यह संवेदनशील और बुद्धिमान बिल्लियाँ इतनी प्यारी थी जैसे हम उनको अपने घरों में रखते हैं।

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थाईलैंड के जीवित पशु मांस बाज़ार में हरतरफ पीड़ा और मौत

बैंकॉक के खलोंग टोई मार्केट में, PETA एशिया के जांचकर्ता ने जिन्दा और घबराए हुए मेंढकों को जाली वाले बैग में देखा।( इनमें से कुछ मेंढक पेड़ का उपयोग “ड्रम्स” की तरह एक दुसरे को सन्देश भेजने के लिए करते हैं ) जिन्हें भी अन्य मेंढकों के कटे शवों के साथ रखा गया था।

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ज़िंदा मुर्गियों को मृत मुर्गियों के साथ उसी जगह पर बंधे रहने के लिए मजबूर किया गया था।

ज़िंदा बतख और मुर्गियों ( जिनके पास खुद की विशेष भाषा होती है और वे 30 प्रकार  की भिन्न भिन्न आवाजें निकाल सकती  हैं ) को तंग और गंदे पिंजरों मेंउन मृत एवं कटे पक्षियों के के शवों के साथ रखा गया था जिनका मांस किसी ग्राहक द्वारा खरीदा जा चुका था।  जीवित कछुए (जिनमें से कुछ 100 दिनों तक पानी के नीचे अपनी सांस रोक सकते हैं) और अन्य “विदेशी” समुद्री जानवर भी खरीदे जाने के लिए उपलब्ध थे। अन्य सभी जानवरों की तरह यह भी किसी के भोजन के लिए मरना नहीं चाहते बल्कि शांति से अपनी जिंदगी गुजारना चाहते हैं।

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बस बहुत हो चुका

सभी जीवित पशु मांस बाजारों में जूनोटिक रोगों को उत्पन्न करने की क्षमता होती है जैसे कि, COVID-19, SARS और बर्ड फ़्लू। ऐसे बाजारों में, मल और अन्य शारीरिक तरल पदार्थ आसानी से व्यापारियों और ग्राहकों के जूतों एवं पैरों के माध्यम से आगे भोजनालयों और घरों तक पहुँच जाते हैं। यह मजदूर जो बिना दस्ताने पहने जीवित जानवरों एवं उनके मांस को अपने नंगे हाथों से सँभालते हैं (जैसे की फूटेज में दिखाया है ) वह भी संक्रमण के बैक्टीरिया को आगे फैला सकते हैं। मृत सूअरों और अन्य जानवरों के शवों के आसपास मक्खियाँ भिनभिनाती रहती हैं और मछलियों एवं अन्य मृत पशुओं के खून से काउंटर व फर्श खून से साने रहते हैं।

PETA एशिया ने कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, और वियतनाम के स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि घातक जीवित पशु मांस बाजारों को बंद करें। 

विदेशी पशु जीवित बाजारों को बंद करना यही एक पर्याप्त कदम नहीं है। COVID-19 जैसी अधिक बीमारियों को रोकने के लिए दुनिया के केवल कुछ बाजारों पर रोक लगाने से बढ़कर और भी बहुत कुछ करना होगा । भारत में चल रहे पशु बाज़ार सहित दुनिया भर में सभी प्रकार के जीवित पशु बाजारों को बंद करवाना होगा।

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जब से PETA एशिया ने 8 अप्रैल को अपना पहला फुटेज जारी किया, तब से अब तक 130,000 से अधिक लोग एक्शन अलर्ट पर हस्ताक्षर करके विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से दुनियाभर के घातक जीवित पशु बाजार को समाप्त करवाने अनुरोध कर चुके हैं। 60 से अधिक अमेरिकी कांग्रेस के सांसदों ने WHO को एक इसी तरह का पत्र लिखकर  संथा को ऐसे बाजारों को तुरंत बंद करने का अनुरोध किया है। COVID-19 की वजह से आज सेकड़ों से हजारों जिंदगियाँ दाँव पर लगी हैं इसलिए यह कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि हम सभी इस पर कार्रवाई करें।

अभी कार्रवाई करें

हमें एक निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए जो हमें अगले वैश्विक महामारी से बचा सकती है जैसे : मांस, अंडे और डेयरी उत्पाद न खाना।

याद रखें: वास्तव में जीने का एकमात्र स्थायी और ईमानदार तरीका है वीगन जीवनशैली अपनाना।

जैसा कि आज हम सभी COVID-19 महामारी से जूझ रहे हैं, कृपया WHO से अनुरोध करें कि वो दुनिया भर के सभी जीवित पशु मांस बाजारों को बंद करवाए।

तत्काल: जानलेवा बीमारियों को जन्म देने वाले जीवित पशु मांस बाजारों को बंद करने में मदद करें।