सुवरों के साथ क्या हो रहा है ?
भारत में सुअर का मांस लोकप्रिय है. यहां ऐसे क्षेत्र हैं जहां इसे लगभग हर दिन खाया जाता है. भारत के पश्चिमी भाग में बाड़ों में सूअर मारे जाते हैं. लोग अपने परिवार को मांस खिलाने और स्थानीय मांस की दुकानों को बेचने के लिए सूअर पालते हैं. कत्ल करने से पहले सूअरों को पानी और भोजन से वंचित कर दिया जाता है, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं और उन्हें पकड़ना आसान हो जाता है. प्यास से तड़पते हुए जब प्यासे सूअर पानी पीने के लिए आते हैं, तो उन्हें पकड़कर बांध दिया जाता है. फिर एक लकड़ी के तख्ते पर उल्टा कर उनके दिल में लोहे की रॉड घुसाकर उन्हें मार दिया जाता है. अक्सर उनकी छाती पर कई प्रहार किए जाते हैं. दिल पर प्रहार करने वाले अक्सर निशाना चूक जाते हैं और डरे हुए सूअर को मारने से पहले उसकी पसलियों या अन्य अंगों को भी तोड़ देते हैं.
भारत के पूर्वी क्षेत्रों में, सूअरों को लोहे की रॉड को उनके गले में घोंपकर मारा जाता है, क्योंकि स्थानीय लोगों का मानना है कि जब सूअर इस तरह से मारे जाते हैं तो लंबे समय तक मांस ताजा रहता है. जैसे ही रॉड को उनके गले के अंदर घोंपा जाता है, सूअर छटपटाहट में संघर्ष करते हैं और दर्द में कहारने लगते हैं. यह एक धीमी और दर्दनाक मौत है, क्योंकि मारने वाले अक्सर लोहे की रॉड को सूअर के गले में घोंप कई बार घोंपते हैं.
सूअरों के बारे में क्या नहीं बताया जाता
अपने प्राकृतिक परिवेश में सूअर सामाजिक, चंचल और रक्षात्मक जानवर हैं जो एक दूसरे के साथ घुल-मिलकर अपने लिए घर बनाते हैं. वे धूप में आराम करते हैं और कीचड़ में सुस्ताते हैं. वैज्ञानिकों ने पाया है कि ये स्नेहशील जानवर भी बेहद बुद्धिमान होते हैं. सूअरों के बारे में और पढ़ें.