एक्वेरियम: जलीय जीवों की जेल
एक्वेरियम में जलीय जीव वैसे ही पीड़ित हैं जैसे चिड़ियाघरों में जानवर होते हैं. मछली और अन्य समुद्री जीव जो विशाल महासागरों में स्वतंत्र रूप से तैरने के आदी हैं, वे छोटे टैंकों में कैद कर दिए जाते हैं जिसमें उन्हें अंतहीन चक्रों में तैरने के लिए मजबूर किया जाता है. टैंक अक्सर दरिद्र होते हैं, जिसमें कोई रेत नहीं, कोई चट्टान नहीं और कोई पौधे नहीं, कुछ भी ऐसी नहीं होता जो जानवरों के प्राकृतिक घरों से दूर-दूर तक कोई मेल खाता हो. एक्वेरियम में मछली को कृत्रिम रोशनी की निरंतर चमक और पंप मोटर्स की समय खराब करने वाली ड्रोनिंग में उलझाया जाता है, और क्योंकि वे कभी-कभी यह पहचान नहीं पाती हैं कि ग्लास उन्हें रोके रखने के लिए एक बाधा/बंध है, जिससे अक्सर उन्हें तैरते समय उससे टकराने के कारण चेहरे पर निरंतर चोटें लगती रहती हैं.
डॉल्फिनेरियम समुद्री-स्तनपायी पार्क जिसमें डॉल्फ़िन और अन्य जीवों को दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए ट्रिक्स दिखाने के लिए मजबूर किया जाता है, और यह बंदी बनाए गए जीवों के क्रूर प्रदर्शनों में से हैं. डॉल्फ़िन सोनार तरंगों की मदद से वस्तुओं के आकार, घनत्व, दूरी और स्थान को निर्धारित कर इकोलोकेशन द्वारा आगे बढ़ती हैं. ओशियन फ्यूचर्स सोसाइटी के संस्थापक जीन-मिशेल कॉस्ट्यू के अनुसार, डॉल्फ़िन जिन्हें टैंक में रखा जाता है, “अपने स्वयं के स्वरों की अत्याधिकता के कारण विचलित हो जाती हैं. … क्योंकि ये संचार के साथ-साथ नेविगेशन की आवाज़ भी हैं, इसलिए वे ताउम्र अर्थहीन आवाजों के चक्रव्यूह में पिसती रहती हैं.” डॉल्फ़िन बहुत ज्यादा सामाजिक जीव हैं जो तीन से 10 डॉल्फिनों की टोली में एक साथ तैरती हैं और सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा रहती हैं. समुद्र में, वे एक दिन में 100 मील तक तैर सकती हैं, इसलिए उन्हें कंक्रीट टैंकों में रखना बेहद क्रूर है. कैद के तनाव से डॉल्फ़िन की रोग प्रतिरोधक क्षमता(इम्युन सिस्टम) भी कमजोर हो जाती है, जिससे एक्वेरियम जीवन (जैसे कि पशु चिकित्सा देखभाल और नियमित भोजन) के कथित लाभों के नुकसान झेलने पड़ते हैं और अक्सर बीमारी या मृत्यु तक भी हो जाती है. तमिलनाडु में स्थित एशिया के पहले डॉल्फिनेरियम में कम से कम तीन डॉल्फ़िनों की मृत्यु हो चुकी है
कृपया चिड़ियाघरों, एक्वेरियम या डॉल्फ़िनेरियम को बढ़ावा न दें. यदि कोई भी इन दुखद प्रदर्शनों को नहीं देखने जाएगा, तो आखिरकार वे इन डॉल्फ़िनेरियम को बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.