सुंदरता अक्सर लोगों को क्रूरता के प्रति अंधा कर देती है
बहुत कम लोग यह जानते हैं कि विदेशी चमड़े से बने उत्पादों के लिए जानवरों को गमबीर पीड़ाओं से गुजरना पड़ता है। चमड़े से बने लक्ज़री समान के लिए बहुत से जानवरों के जिंदा रहते ही उनकी खाल निकाल ली जाती है।
थाईलैंड में मगरमच्छों को बेहद अमानवीय तरीकों से पाला जाता है।
चमड़े के लिए मगरमच्छों से उनकी खाल प्राप्त करने के लिए उनको सीमेंट के पक्के बने तालाबों में रखा जाता है व बड़े होकर कत्लखानों में उनसे चमड़ा प्राप्त करने की प्रक्रिया में जिंदा मगरमच्छों को गोली मार्कर या हथोड़े का वार करके उनकी रीड की हड्डी तोड़ दी जाती है। एक सामान्य हैंडबैग बनाने के लिए एक नहीं बल्कि चार मगरमच्छों को मारने की जरूरत पड़ती है। उनका खून दवाओं के निर्माण हेतु इस्तेमाल हो जाता है जबकि उनकी खाल के अलावा बचा मांस भोजन के रूप में बेच दिया जाता है। थाईलैंड में दुनिया का सबसे बड़ा मगरमच्छ पालन होता हैं जिसमें प्रतिवर्ष लगभग 700,000 मगरमच्छ पाले जाते है नवा एक भी जीवित नहीं बचता।
खाल उतारने से पहले कैंची द्वारा काटकर खोला गया सांप का शरीर
साँपों को भी अत्यधिक पीड़ा सहनी पड़ती है
हर साल, कम से कम 440,000 अजगर दक्षिण पूर्व एशिया के जंगलों से पकड़े जाते हैं और उनकी खाल निकालने के लिए उनके काँटेदार खुटियों पर टांग दिया जाता है, चाकू अथवा कैंचियों से उनके शरीर को कट कर उनकी चमड़ी निकाल दी जाती है। कुछ साँपों के जबड़ों को जबरन खोलकर उनके उनके अंदर एक नली डाली जाती है और फिर उन्हें पानी से भर दिया जाता है ताकि उनकी त्वचा को निकालना आसान हो जाए। उनके जीवित रहते है धीरे धीरे दर्दनाक तरीकों से उनके शरीर से उनकी चमड़ी निकाल ली जाती है। यह इस तरह शांत रहने वाले यह जीव इस दर्दनाक मौत का शिकार होते हैं।
मगरमच्छ और साँप के शरीर से उतरी गयी उनकी चमड़ी को आगे की प्रक्रिया हेतु टेनरीज़ में भेज दिया जाता है जहां से उन्हे आगे निर्यात किया जाता है। आप जानवरों की पीड़ा के प्रति आवाज उठाकर उनको राहत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कृपया प्रतिज्ञा लीजिये की आप कभी भी लैदर से बने समान का इस्तेमाल नहीं करेंगे। प्रतिज्ञा लें कि आप केवल अपनी ही तवचा में रहेंगे किसी और कि तवचा नहीं पहनेंगे।