गणतन्त्र दिवस से पूर्व, PETA इंडिया के सदस्य अपने शरीर को भारतीय ध्वज़ के रंगो से रंगकर देसी कुत्तों को गोद लेने के लिए प्रेरित करेंगे।

PETA इंडिया समर्थक इंदौर के निवासियों से अनुरोध करेंगे कि कभी भी किसी ‘ब्रीडर अथवा पालतू पशुओं की बिक्री करने वाले स्टोर से विदेशी नस्ल के कुत्ते न खरीदें’।

इंदौर- भारतीय ध्वज़ के रंगो से रंगे शरीर व हाथ में “भारतीय होने पे गर्व करें, देसी कुत्तों को गोद लें” लिखे संदेश बोर्ड पकड़े, PETA इंडिया के 3 सदस्य शुक्रवार को गणतन्त्र दिवस से ठीक पहले इंदौर में आते जाते लोगों को देसी कुत्तों को अपनाने हेतु प्रेरित करेंगे। उनका उद्देश्य है की संभावित अभिभावक बेघर एवं देसी पशुओं को ही गोद लें, न की किसी ब्रीडर एवं पालतू पशुओं की बिक्री करने वाले स्टोर से विदेशी नस्ल के जानवर लेकर देश में बेघर पशुओं के संकट में हिजाफ़ा करें।

समय : शुक्रवार, 25 जनवरी, दोपहर 12 बजे से
स्थान : मुख्य द्वार के बाहर, मेघदूत गार्डेन, विजय नगर, इंदौर

PETA इंडिया की केम्पेन कोर्डीनेटर आयुषी शर्मा कहती हैं –“जब देश में लाखों बेघर कुत्ते एवं बिल्लियाँ सड़कों एवं पशु आश्रय ग्रहों मे जीवन बिता रहे हैं, तो ऐसे में किसी के लिए भी जानवरों का प्रजनन करना या पालतू पशुओं की बिक्री करने वाले स्टोर से जानवरों को खरीदना गैर ज़िम्मेदराना है। जब भी कोई व्यक्ति किसी ब्रीडर या पशु बिक्री स्टोर से विदेशी नस्ल का कोई कुत्ता खरीदता है तो सड़कों पर बेघर घूम रहा कोई एक कुत्ता अपना प्यारा घर मिलने का मौका खो देता है।“

PETA इंडिया लोगों सेअनुरोध करता है कि वो किसी ब्रीडर एवं पालतू पशुओं की बिक्री करने वाले स्टोर से कुत्ते एवं बिल्ली के बच्चों को न खरीदें बल्कि भारतीय नस्ल के किसी देसी कुत्ते को ही गोद लें। पालतू जानवरों की बिक्री करने वाले स्टोर में विदेशी नस्ल के कुत्ते आमतौर पर पशु चिकित्सा देखभाल, पर्याप्त भोजन, व्यायाम, प्यार व समाजीकरण से वंचित रखे जाते है। इन कुत्तों को लंबे कान व झबरे बाल जैसे कुछ खास शारीरिक लक्षणों के साथ ब्रीड किया जाता है, इनमे मुख्यता बाक्सर, जर्मन शेफर्ड व पग्स शामिल हैं, जो आनुवांशिक एवं वंशानुगत जैसे असामान्य रोगों की उच्च दर से पीड़ित होते हैं। इन विदेशी नस्ल के कुत्तों में पायी जाने वाली आम बीमारियों में सांस लेने कि समस्या, कैंसर, हृदय रोग, रक्तस्राव विकार, कंकाल विकृति तथा आँखों की समस्याएँ शामिल होती हैं जबकि इनके विपरीत देसी नस्ल के कुत्ते जो मुख्यता सड़कों एवं पशु आश्रय ग्रहों में रहते हैं इन विदेशी नस्ल के कुत्तों की तुलना में अधिक स्वस्थ व तंदुरुस्त होते हैं।

अधिक जानकारी के लिए कृपया PETAIndia.com.पर जाएँ।

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