पशु अधिकार दिवस पर, PETA इंडिया की संस्थापक मुंबई में मछ्ली के रूप में अपील करेंगी
PETA इंडिया का प्रदर्शन लोगों को समुद्री जीवों को भोजन बनाने पर सोचने का मौका देगा
मुंबई – पशु अधिकार दिवस (10 दिसंबर) से पूर्व, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया की संस्थापक ‘इंग्रिड न्यूकर्क’ प्रांजल जैन एवं नम्रता जैन द्वारा निर्मित मछली की पोशाक पहनकर, दो अन्य बनावटी मछलियों के बीच एक बैनर के नीचे लेट कर प्रदर्शन करेंगी जिस पर लिखा होगा- “मछली के भाग्य के बारें में सोचे, वीगन बनें”।
स्थान : कॉपर चिमनी के सामने फुटपाथ पर, के. दुबाश मार्ग, काला घोडा, मुंबई
समय : शुक्रवार, 7 दिसंबर दोपहर 12 बजे से
PETA इंडिया की संस्थापक ‘इंग्रिड न्यूकर्क’ कहती हैं- “वो हर मछली जो किसी न किसी के थाली का भोजन बनती है, मेरे व अन्य जानवरों की तरह दर्द व डर महसूस करती है। PETA इंडिया इन सभी से गुजारिश करता है की इन जलीय जीवों को दम घुटने, लटका दिये जाने, कुचले जाने तथा कट जाने के डर से मुक्त करें, वीगन बनें“
PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है की “जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नहीं है” इस बात का संज्ञान लेता है की प्रति वर्ष लोगों का भोजन बनने के लिए अन्य सभी प्रकार के जानवरों की अपेक्षा मछलियाँ अधिक मात्रा में मौत का शिकार होती हैं फिर भी उनकी सुरक्षा का कोई कानून नहीं है। गंदे मछली फार्मों पर यह मछलियाँ अनेकों परजीवी बीमारियों एवं चोटों से पीड़ित रहती हैं। महासागरों में बड़े-बड़े जालों के द्वारा जिन मछलियों को पकड़ा जाता है (साथ ही साथ कछुए, डोलफ़िन, सील व अन्य समुद्री जानवर भी पीड़ा का शिकार होते हैं) को धीमे धीमे दम घुटकर या कट कर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। बहुत सी मछलियाँ दम घुटने से बच जाने पर सचेत अवस्था में होती हैं जब उनका गला काट कर उनका पेट खोल दिया जाता है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया पर PETAIndia.com.जाएँ।