स्वतंत्रा दिवस से ठीक पहले PETA इंडिया ने पतंगबाज़ी में इस्तेमाल होने वाले खतरनाक माँझे के प्रतिबंध पर दिल्ली पुलिस के लिए प्रवर्तन कार्यशाला आयोजित की
PETA इंडिया एवं उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने हेतु संयुक्त मुहीम चलाएँगे।
दिल्ली- इस सप्ताह, स्वतंत्रा दिवस से ठीक पहले, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने उत्तरी दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया जिसका उद्देश्य दिनांक 11 जनवरी 2017 को उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में माँझे के सभी रूपों पर लगाए गए प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने की कार्य योजना बनाना था। इस कार्यशाला के आयोजन में पुलिस उपायुक्त, उत्तरी दिल्ली का विशेष समर्थन मिला।
कार्यशाला का उद्देश्य समस्त पुलिस अधिकारियों को जागरूक करना था की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सभी प्रकार के माँझे जिसमे “बरेली का माँझा” भी शामिल है पर प्रतिबंध है। यदि कोई इस तरह के माँझे का निर्माण, बिक्री, भंडारण या फिर इस्तेमाल करता पाया जाता है तो “पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम” की धारा 15 के तहत दंड का हकदार होगा जिस हेतु 5 वर्ष तक की सज़ा या फिर 1 लाख रुपए तक का जुर्माना अथवा दोनों भी हो सकते हैं। दिल्ली में पूर्वी दिल्ली एक ऐसा क्षेत्र है जहां माँझे का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है।
PETA इंडिया के एस्सोसिएट डाइरेक्टर ऑफ पॉलिसी निकुंज शर्मा कहते हैं – “माँझा बेहद खतरनाक है यह इन्सानों एवं पक्षियों के लिए जानलेवा साबित होता है, यह देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है व बिजली जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को बाधित करता है। दिल्ली सरकार द्वारा माँझे पर लगाए गए प्रतिबंध को सभी माता-पिता एवं पक्षी प्रेमियों ने सराहा है क्यूंकि दिल्ली सरकार का प्रतिबंध यह सुनिश्चित करने में मददगार है की पतंगबाजी सभी के लिए सुखद एवं सुरक्षित हो।“
दिल्ली सरकार द्वारा दिनांक 10 जनवरी 2017 को एक सरकारी अधिसूचना जारी कर इन्सानों, पक्षियों, अन्य जानवरों एवं पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनजर खतरनाक साबित होने वाले माँझे के सभी परूप जैसे उत्पादन, आयात, भंडारण, बिक्री एवं इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। पतंगबाजी हेतु केवल ऐसी सादी सूती डोर, जिसे सद्दी भी कहा जाता है, के इस्तेमाल की अनुमति है, जो किसी भी प्रकार की तेज़/धातु/शीशे/चिपकन से मुक्त हो व उसे अतिरिक्त सामग्री के लेप से धारदार न बनाया गया हो।
पिछले वर्ष PETA इंडिया से मिली शिकायत पर कार्यवाही करते हुए दिल्ली पुलिस ने चाँदनी चौक के निकट लाल कुआं बाज़ार में तथा पश्चिम दिल्ली के गांधी नगर बाज़ार में माझा बेचने वाली बहुत सी दुकानों पर दबिश देकर लगभग 100 किलो माँझे को जब्त किया था तथा भारतीय दंड संहिता के तहत नियमों का उलंघन करने के आरोप में पकड़े गए माँझा विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिक रिपोर्ट भी दर्ज की थी।
प्रतिवर्ष माँझे की चपेट में आने से हजारों पक्षी उसमे उलझ जाते है, अंग कट जाने से मौत का शिकार होते हैं या फिर कई-कई सप्ताह तक इमारतों व पेड़ों पर लटके रहते हैं। इसी वर्ष फरवरी माह के दौरान दिल्ली के तीमारपुर क्षेत्र में माँझे की चपेट में आने से एक मोटर साइकिल सवार का गला कटने से मौत हो गयी थी। इसी वर्ष जुलाई माह में एक मोटर साइकिल सवार के गले में माँझा लिपट जाने से उनकी चलती मोटर साइकिल एक पुल के ऊपर से नीचे गिर गयी जिससे मोटर-साईकल पर बैठी 3 वर्षीय बच्ची की मौत हो गयी थी।
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