PETA इंडिया की अपील पर भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड ने OLX एवं Quikr पर कार्यवाही की मांग की

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16 July 2020

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बोर्ड ने इलेक्ट्रोनिक्स एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय को चेतावनी दी है कि ऑनलाइन व्यापार करने वाले यह पोर्टल्स पशु संरक्षण क़ानूनों का उलंघन करते हुए जानवरों की बिक्री कर रहे हैं।

दिल्ली- पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड से अनुरोध किया था कि ऑनलाइन व्यापार करने वाले पोर्टल्स OLX एवं Quikr अपने पोर्टल्स के माध्यम से जीवित जानवरों की बिक्री कर रहे हैं। इस पर कार्यवाही करते हुए बोर्ड ने तत्काल इलेक्ट्रोनिक्स एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय (MoEIT) को चेतावनी देते हुए कहा है कि यह कंपनियाँ “पेट शॉप” के रूप में राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत हुए बिना यह व्यापार कर रही हैं जो कि अवैध है व साथ ही इस तरह के व्यापार के लिए “पशु क्रूरता निवारण (पेट शॉप) अधिनियम 2018” के तहत पंजीकृत होना भी आवश्यक है। AWBI ने मंत्रालय को सूचित किया है तय क़ानूनों के तहत बिना पंजीकृत हुए इन ऑनलाइन पोर्टल्स को तत्काल रूप से जानवरों की बिक्री पर रोक लगानी चाहिए।

इससे पहले भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड ने समस्त राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशो को जारी की गयी एक अधिसूचना में यह कहा था कि गैर पंजीकृत पेट शॉप को लॉकडाउन के बाद दुबारा पशु व्यापार करने की इजाजत न दी जाए। MoEIT को जारी की गयी इस नयी अधिसूचना में बोर्ड ने यह भी कहा है की पुरानी अधिसूचना के बावजूद गैर पंजीकृत पेट शॉप धड़ल्ले से पशुओं का अवैध व्यापार कर रही हैं। सूचना के अधिकार के द्वारा समस्त राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से मिली उन प्रतिक्रियाओं का हवाला दिया है जिसमे समस्त राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने पुष्टि की है कि उनके राज्यों में चल रही अधिकांश पशु बिक्री की दुकानें, डॉग ब्रीडर्स तथा पशु बिक्री करने वाले ऑनलाइन पोर्टल्स कानूनन पंजीकृत नहीं है जबकि इस व्यापार हेतु उन्हें “पेट शॉप रूल” एवं “डॉग ब्रीडिंग एंड मार्केटिंग रुल्स 2017” के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है।

इस दौरान दिनांक 21 मई को गोवा के पशु पालन एवं पशु चिकित्सा निदेशालय ने सूचना एवं प्रचार विभाग के निदेशक को एक पत्र जारी कर कहा था कि राज्य के “पेट शॉप” एवं “डॉग ब्रीडर्स” को जानवरों की बिक्री से संबन्धित अखबार या सोशल मीडिया या फिर ऑनलाइन विज्ञापन देने से पहले उनका “पेट शॉप रूल” एवं “डॉग ब्रीडिंग एंड मार्केटिंग रुल्स 2017” के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है।

PETA इंडिया ने AWBI को की गयी शिकायत में कहा था कि पशु बिक्री की दुकानें एवं डॉग ब्रीडर्स जानवरों के साथ क्रूरता एवं दुर्व्यवहार करने के लिए जाने जाते हैं व उनमें से अधिकतर पूरी तरह से गैरकानूनी तरीकों से व्यापार करते हैं, गैर पंजीकृत होने के कारण वह जानवरों को वह सब उचित देखभाल नहीं प्रदान करते जो की जानी चाहिए। डॉग ब्रीडर अक्सर कुत्तों के कान एवं पूंछ की छटाई कर देते हैं व ग्राहकों की मांग के अनुसार अप्रकर्ति तरीकों से कुत्तों की नस्ल तैयार करते हैं इन सबके चलते ब्रीड किए गए पशुओं को अनेकों स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं। इसके अलावा पशु बिक्री दुकानों में पशुओं को बेहद बुरी स्थितियों में रखा जाता है व बीमार हालात में ही पशुओं को जनता को बेच दिया जाता है।

PETA इंडिया की कार्पोरेट लायजन अधिकारी मल्लिका रॉय कहती हैं- “भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड ने इन कमजोर जीवित जानवरों की अवैध बिक्री के खिलाफ कार्यवही के कदम उठाएँ हैं। ऑनलाइन व्यापार में जानवरों जीवित प्राणियों की तरह नहीं बल्कि ऐसे बेचा जाता है जैसे कोई हाथ का बैग या चाय का कप और PETA इंडिया लोगों से अनुरोध करता है कि जब कि किसी पशु को गोद ले तो उसे केवल मान्यता प्राप्त शेल्टर होम से ही लें क्यूंकि वह पशु को देने से पहले समस्त आवश्यक जांच करते हैं”।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, इस बात का संज्ञान लेता है कि जब भी कोई व्यक्ति इन पशु बिक्री दुकानों से या किसी ब्रीडर से पशु को खरीदता है तो सड़क पर बेघर घूमने वाले किसी एक सामुदायिक पशु को या शेल्टर में रहने वाले किसी पशु को उसका घर मिलने का अवसर समाप्त हो जाता है। अनचाहे घरेलू पशुओं को सड़कों पर लावारिस छोड़ दिया जाता है जहां वो भूखे प्यासे जीवन के लिए संघर्ष करते रहते हैं। बहुत से पशु भूखे रहते हैं, वाहनों की चपेट में आ जाते हैं, या किसी न किसी तरह से लोगों के दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं।

PETA इंडिया प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की उस वर्चस्ववादी सोच का परिचायक है जिसके तहत वह स्वयं को संसार की अन्य समस्त प्रजातियों से श्रेष्ठ मानकर अपने फ़ायदों के लिए उनका शोषण करने को सही मानता हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।

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