PETA इंडिया की अपील के बाद भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड ने फिल्मों और अन्य शो में जिंदा जानवरों के बजाय आधुनिक तकनीकें इस्तेमाल करने की सलाह जारी की
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25 November 2021
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Monica Chopra; MonicaC@petaindia.org
Sachin Bangera; SachinB@petaindia.org
नई दिल्ली – पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया द्वारा फिल्मों, टीवी शो, विज्ञापनों और डिजिटल सामग्री के फिल्मांकन हेतु जानवरों के प्रति की जाने वाली क्रूरता के संबंध में की गयी अपील और पोन्नियिन सेलवन फिल्म की शूटिंग केदौरान हुई घोड़े की मौत के संदर्भ में शिकायत दर्ज़ कराने के बाद, भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी फिल्म निर्माता असोसिएशनों, फिल्म चेंबर्स ऑफ कॉमर्स, और विज्ञापनदाताओं को जिंदा जानवरों के बजाय कंप्यूटर जनित इमेजरी (CGI), विजुअल इफेक्ट्स और एनिमेशन तकनीक के उपयोग को प्राथमिकता देने का सुजाव दिया है। AWBI “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960”, के तहत अधिकृत प्राधिकरण है, जो फिल्मों में जानवरों के उपयोग को अधिकृत करता है।
PETA इंडिया की चीफ एडवोकेसी ऑफिसर खुशबू गुप्ता कहती हैं – “AWBI ने फिल्मों, टीवी शो, विज्ञापनों और ऑनलाइन सामग्री निर्माण के दौरान जानवरों को जबरन प्रदर्शन करने हेतु मजबूर करने की बजाय आधुनिक तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहित करके एक बेहद प्रगतिशील कदम उठाया है। यह भारतीय प्रॉडक्शन कंपनियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह कई प्रसिद्ध भारतीय और विदेशी फिल्म निर्माताओं के उदाहरण का पालन करते हुए CGI, VFX, अन्य प्रकार कि आधुनिक तकनीक का प्रयोग करें।“
AWBI ने अपनी एडवाइजरी में बताया कि जानवरों को आमतौर पर उनकी मां से अलग कर दिया जाता है, प्रशिक्षण के दौरान मारा-पीटा जाता है, भूखा-प्यासा रखा जाता है, मुश्किल और ख़तरनाक करतब करने हेतु मजबूर किया जाता है, फिल्म एवं टेलीविजन स्टूडियो के भीड़भाड़ वाले माहौल रखा जाता है और जब इन जानवरों का इस्तेमाल नहीं हो रहा होता तो इन्हें जंजीरों में कैद रखा जाता है।
हाल ही में, PETA इंडिया को किसी व्हिसलब्लोअर द्वारा जानकारी मिली थी कि ‘पोन्नियिन सेलवन’ फिल्म की शूटिंग के दौरान एक दृश्य फिल्माते हुए एक घोड़े की सीधे सर पर टक्कर लगने से (head- on collision) मौत हो गई जिसके बाद PETA इंडिया की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए “भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड” (AWBI) ने हैदराबाद के जिला कलेक्टर और तेलंगाना राज्य पशु कल्याण बोर्ड को इस घोड़े की मौत की जांच करने के लिए निर्देशित किया था। AWBI ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि दोषियों को “अनुकरणीय सजा” मिले ताकि भविष्य में इस तरह के अपराध न हों।
PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारे मनोरंजन हेतु इस्तेमाल होने के लिए नहीं है” प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी विचारधार है जिसमें इंसान स्वयं को इस दुनिया में सर्वोपरि मानकर अपने फायदे के लिए अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ और हमें Twitter, Facebook व Instagram पर फॉलो करें। #