PETA इंडिया के सौजन्य से एशिया की पहली दयालुता जागृत करने वाली एनिमेट्रोनिक हथिनी ने दिल्ली के स्कूलों का दौरा किया, जिसे अभिनेत्री दीया मिर्जा द्वारा अपनी आवाज दी गयी है

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30 January 2024

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Meenakshi Narang; [email protected]  

दिल्ली – रघुबीर सिंह जूनियर मॉडर्न स्कूल के छात्रों को 30 जनवरी को ऐली नामक एक विशाल एनीमेट्रोनिक हथिनी से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ जिसे मशहूर अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा ने अपनी आवाज़ दी है। यह हथिनी पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया द्वारा चलाए जा रहे बेहद प्रभावशाली बाल दयालुता अभियान का एक हिस्सा है और अब यह दिल्ली-NCR के विभिन्न स्कूलों का दौरा करने के लिए तैयार है। यह हथिनी बिल्कुल किसी असली हाथी की तरह अपनी आंखे झपकाते हुए और अपने कानों को फड़फड़ाते हुए स्कूली छात्रों को उन हाथियों की दर्दभरी दास्तां सुनाती है जिन्हें बहुत ही कम उम्र में जबरन अपने माताओं से अलग कर दिया जाता है और उन्हें क्रूर सर्कसों में विभिन्न प्रकार के शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ता है। ऐली की “व्यक्तिगत” कहानी का अंत बेहद सुखद है क्योंकि उसे रेसक्यू करके एक सेंचुरी में भेजा गया जहाँ वह अपना जीवन शांतिपूर्ण ढंग से व्यतीत कर रही है।

रघुबीर सिंह जूनियर मॉडर्न स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती नलिनी सिंह राजपूत ने कहा,“हाथी बुद्धिमान, सामाजिक और भावनात्मक जानवर होते हैं जिन्हें मारे-पीटे जाने, जबरन ज़ंजीरों में कैद किए जाने और मानव मनोरंजन हेतु प्रदर्शित करने के लिए मजबूर किए जाने पर बहुत पीड़ा होती है। हमें खुशी है कि ऐली हमारे स्कूल में हमारे छात्रों को पशुओं और अन्य जीवित प्राणियों के प्रति दयालुता प्रदर्शित करने हेतु जागरूक करेगी।”

PETA इंडिया की सीनियर एजुकेशन कोऑर्डिनेटर मीनाक्षी नारंग ने कहा, “ऐली की कहानी सभी बच्चों को सिखाती है कि हाथी भी हमारी तरह संवेदनशील पशु होते हैं जिनकी अपनी भावनाएँ और व्यक्तित्व होता है एवं हमें उनके साथ दयालुतापूर्ण व्यवहार करना चाहिए। ऐली और PETA इंडिया सभी से सर्कस या जानवरों का उपयोग करने वाले अन्य मनोरंजन साधनों का त्याग करने और हाथियों को उनके प्राकृतिक घरों में उनके परिवारों के साथ शांति से रहने देने प्रतिज्ञा करने का अनुरोध करता है।“

PETA इंडिया ने प्रलेखित किया है कि मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बंदी हाथियों को अक्सर मारा-पीटा जाता है और उन्हें अंकुश चुभाकर दर्द और भय से नियंत्रित किया जाता हैं। कई वर्षों तक पर्याप्त भोजन-पानी या पशु चिकित्सकीय देखभाल की कमी और सख्त कारावास के परिणामस्वरूप इन पशुओं में विभिन्न प्रकार की मानसिक बीमारियों के लक्षण पाएँ जाते हैं।

मई 2023 से, ऐली भारत भर के विभिन्न निजी, सार्वजनिक, अंतर्राष्ट्रीय और सरकारी स्कूलों में लगभग 48,000 छात्रों तक पहुँच चुकी है, और यह संदेश साझा कर रही है कि हाथियों का उपयोग सर्कस, सवारी या अन्य क्रूर मनोरंजन साधनों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अब यह दिल्ली-NCR के प्रसिद्ध स्कूलों में हजारों बच्चों को दयालुता का पाठ पढ़ाएंगी जिसमें पाथवेज़ वर्ल्ड स्कूल, द श्रीराम मिलेनियम स्कूल और लिटिल मिलेनियम शामिल है।

PETA इंडिया द्वारा “दयालु नागरिक” नामक एक मुफ्त मानवीय शिक्षा कार्यक्रम चलाया जाता है जिसका प्रमुख उद्देश्य 8 से 12 वर्ष की आयु के स्कूली छात्रों को जानवरों के प्रति संवेदनशील बनाना और उनकी मदद करने हेतु प्रेरित करना है। इसका उपयोग 2 लाख से अधिक स्कूलों द्वारा किया गया है और यह पूरे भारत में लगभग 9.2 करोड़ बच्चों तक पहुँच गया है।

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