महाराष्ट्र में “सीवर्ल्ड” की तर्ज पर बनने वाले पार्क की योजना के ख़िलाफ़ विशेषज्ञों ने उठाई आवाज

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03 April 2020

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समुद्री जीवों की प्रदर्शनी की योजना के विरोध में वैज्ञानिक, संरक्षणवादी और पशुचिकित्सक PETA इंडिया के साथ जुड़े

मुंबई -समुद्री स्तनपायी विशेषज्ञों के एक अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन ने पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के साथ हाथ मिलाते हुए अमेरिका के ‘सी वर्ल्ड पार्क’ की तर्ज पर महाराष्ट्र में एक समुद्री जीवों का प्रदर्शनी पार्क बनाने की योजना के विरोध में महाराष्ट्र के पर्यटन, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को पत्र भेजा है।

पर्यावरणविद् जीन-मिशेल कॉस्टो द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में बताया गया है कि, जब व्हेल, डॉल्फ़िन या उनकी अन्य प्रजातियों जैसे पर्पोज़ाइज़ को उनके प्राकृतिक निवास की तुलना में महज़ कम व छोटे टैंकों में कैद किया जाता है तो यह उनके लिए तकलीफ़ दायक होता है। उदाहरण के लिए, अत्यधिक सामाजिक स्तनधारी प्राणी डॉल्फिन को अक्सर अन्य प्रजाति के जीवों के साथ अलग थलग टैंको में रखा जाता है तो वह सामाजिक विसंगत के चलते उनके स्वभाव में आक्रामक्ता आ जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप वह बीमारी और मौत के शिकार हो जाती हैं। बंदी समुद्री स्तनधारी जीव भी कई प्रकार के अनूठे और कैद में रहने से पनपने वाले संक्रामक रोगों से पीड़ित होते हैं।

इसके अलावा, कई अध्ययनों से पता चला है कि जनता की यह आम धारणा बन जाती है कि  प्रदर्शन और मनोरंजन हेतु अप्राकृतिक परिस्थितियों में रहने वाले वन्य जीवों को अन्य प्रजातियों से उन्हें कोई ख़तरा नहीं होता।

PETA इंडिया के CEO और पशु चिकित्सक डॉ. मणिलाल वलियाते कहते हैं- “विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि सीवर्ल्ड जैसे थीम पार्क समुद्री स्तनधारियों के लिए अनुचित एवं पीड़ादायी हैं  और सीधे रूप से उनकी सुरक्षा के प्रयासो को कमजोर बनाते हैं। भारत में समुद्री जीवों के लिए बनाई जाने वाली इस तरह की क्रूर योजनाओं को रोकने हेतु PETA इंडिया ने महाराष्ट्र सरकार से आग्रह किया है कि महाराष्ट्र में इस प्रदर्शनी पार्क को बनाने की योजना को रद्द किया जाए“

फरवरी माह में PETA इंडिया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरेजी को सूचित किया था कि वर्ष 2013 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी पॉलिसी नोट के अनुसार इस तरह के प्रदर्शनी पार्क का निर्माण करना गैर कानूनी है।

दुनिया भर की सरकारों ने यह माना है कि समुद्री स्तनधारी प्राणी टैंको में नहीं रह सकते। साथ ही भारत, बोलीविया, ब्राज़ील, कैनेडा, चिली, कोस्टा रिका, लक्ज़मबर्ग, नॉर्वे, स्विटज़रलैंड और यूके इन देशों ने स्तनधारी समुद्री जीवों को बंदी बनाकर प्रदर्शन में रखे जाने की योजना पर रोक लगाई है या महत्वपूर्ण तरीकों से प्रतिबंधित किया है।

विशालकाए समुद्री जीवों की प्रदर्शनी हेतु अमेरिका में बने “सीवर्ल्ड” को बड़ी प्रतिष्ठा भरी नजरों से नहीं देखा जाता व अक्सर उसकी बहुत निंदा होती है। कंपनी के अनुसार संक्रमण एवं अस्थिपिंजर टूट जाने से अभी तक 40 बड़े जीव मर चुके हैं जबकि 20 गंभीर रूप से पीड़ित हैं। इसके बावजूद “सीवर्ल्ड” में डोल्फिन को जबरन नशीले पदार्थ देकर उनका  प्रजनन किया जा रहा है व 140 जीवों को “सीवर्ल्ड” के 7 छोटे टैंको में रखा गया है।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि “जानवर हमारा मनोरंजन करने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्योंकि यह मनुष्य की वर्चस्ववादी सोच को दर्शाता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com.पर जाएं।

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