PETA इंडिया की शिकायत के बाद क्रूरता और अवमानना के मामले में रैम्बो सर्कस के खिलाफ FIR दर्ज की गयी

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10 January 2022

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पुणे- पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया की स्थानीय स्वयं सेवक एडवोकेट रिद्धि पटेल के माध्यम से यह शिकायत मिलने के बाद कि, रेम्बो सर्कस के मालिक द्वारा गैर पंजीकृत मछली का प्रदर्शन करने और भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड (AWBI) के अनुमोदन के बिना कुत्तों से जबरन अवैध करतब करवाने हेतु उपयोग किया जा रहा है, पुणे पुलिस द्वारा FIR दर्ज की गयी। AWBI पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960 के तहत निर्धारित प्राधिकरण है, जो देश में प्रदर्शनों के लिए जानवरों के उपयोग को नियंत्रित करता है। PETA इंडिया द्वारा पुलिस को शिकायत के साथ-साथ दिनांक 26 दिसंबर 2021 को सर्कस में की गई एक जांच की रिपोर्ट भी सौंपी गई जिसमें कानूनी उल्लंघन और जानवरों के प्रति क्रूरता के सबूत हैं।

मुंडवा पुलिस स्टेशन में यह FIR PCA अधिनियम की धारा 3 और 11 (1) (ए) के तहत जानवरों को अनावश्यक दर्द और पीड़ा देने, और PCA अधिनियम की धारा 26 और 38 के तहत, गैर पंजीकृत जानवरों का उपयोग करने एवं गैर पंजीकृत करतब करवाने के लिए मजबूर करने के खिलाफ़ दर्ज़ कराई गई है। FIR में दर्शक दीर्घा में कुत्ते को घुमाकर लापरवाही बरतने के खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 289 को भी शामिल किया गया है।

PETA इंडिया के इमरजेंसी रिस्पांस टीम के एसोसिएट मैनेजर मीत अशर कहते हैं, “रैम्बो सर्कस के कार्यकर्ता मछली को पानी से बाहर निकाल कर उसे तड़फने और फिर वापिस तैरने जैसे करतब दिखाने के लिए मजबूर करते हैं और कुत्तों से एक प्यार करने वाले घरों में आराम से रहने का हक छीनते हैं। PETA इंडिया सभी जनों से अनुरोध करता है कि मनोरंजन हेतु केवल गैर-पशु साधनों का समर्थन करें“

AWBI द्वारा दिनांक 14 अप्रैल 2021 को PCA अधिनियम, 1960 के तहत अधिसूचित “प्रदर्शनकारी पशु (पंजीकरण) नियम, 2001” के तहत रैम्बो सर्कस को जारी किए गए परफॉर्मिंग एनिमल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (PARC) के अनुसार, 10 कुत्तों को प्रदर्शन के लिए पंजीकृत किया गया था और सात कुत्तों को काम से हटाने के आदेश दिया गया था। लेकिन PETA इंडिया के जांचकर्ता ने पाया कि सर्कस प्रदर्शन के लिए सात कुत्तों और दो गैर पंजीकृत मछलियों का उपयोग कर रहा है। जांचकर्ता ने जो तस्वीरे ली उनमे इन कुत्तों को एक आदमी द्वारा पकड़े गए झंडे के ऊपर से कूदते हुए, स्टूल पर बैठकर अपने पैरों को ऊपर उठाते हुए, और टोपी पहनने जैसे करतब करते देखा जा  सकता है जबकि यह समस्त गतिविधियां PARC के अंतर्गत पंजीकृत नहीं हैं। इसके अलावा, दो मछलियों को कलाकार द्वारा पानी के साथ निगलते हुए की भी तस्वीरे ली गयी हैं । कलाकार मछली को पानी से बाहर निकाल कर अपने मुंह में दांतों के बीच दबाकर रखता है, उन्हें जिंदा निगल जाने जैसा करतब दिखाता है और फिर उन्हें पानी से भरे जार में वापिस थूक देता है।

रैम्बो सर्कस के खिलाफ एक और मामला पिंपरी शहर की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में वर्ष 2016 से लंबित है। पुणे पुलिस ने यह केस AWBI द्वारा कानूनी उल्लंघन, क्रूरता, लापरवाही और पशुओं के साथ किए जाने वाले शोषण के संबंध में की गयी शिकायत के बाद दर्ज़ किया था।

PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर हमारे मनोरंजन हेतु इस्तेमाल होने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकी यह एक ऐसी धारणा है जिसके तहत इंसान स्वयं को इस दुनिया में सर्व शक्तिमान मानकर दूसरी अन्य प्रजातियों का शोषण करने को अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ एवं हमें TwitterFacebook, और Instagram पर फॉलो करें।

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