PETA इंडिया और स्वयं सेवी संस्था ‘रक्षा’ की कार्यवाही के बाद, प्रयागराज में कुत्ते को क्रूरता से मारने वाले आरोपी के खिलाफ़ मामला दर्ज़

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11 April 2022

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प्रयागराज – यह ख़बर मिलने के बाद कि किसी अपराधी द्वारा एक सामुदायिक कुत्ते को क्रूरता से मारकर एवं गला घोटकर मौत के घाट उतार दिया गया,  पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने ‘Raksha’ Make a Difference की वंशिका गुप्ता एवं प्रयागराज पुलिस के की मदद से भारतीय दंड संहिता की धारा 34 और 429 तथा ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960’ की धारा 11 (1) के अंतर्गत एफ़आईआर दर्ज़ करवाई है। इस क्रूर घटना की एक वीडियो बहुत वाइरल हुआ था।

एफ़आईआर की कॉपी एवं क्रूर घटना की एक वीडियो मांगे जाने पर उपलब्ध करवाया जाएगा।

PETA इंडिया की इमरजेंसी रिस्पांस टीम के एसोशिएट मैनेजर मीत अशर ने कहा, “जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं इसलिए सभी की सुरक्षा हेतु ज़रूरी हैं कि जनता जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट दर्ज़ कराए।“

‘Raksha’ Make a Difference की वंशिखा गुप्ता ने कहा, “जानवरों के खिलाफ जघन्य अपराध करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई उन्हें फिर से जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। इस तरह के मामले पशु क्रूरता के खिलाफ मजबूत कानूनों की आवश्यकता को दर्शाते हैं।“

PETA इंडिया इस अभियुक्त की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि जानवरों के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह आगे चलकर जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। उदाहरण के लिए, केरल में अमीरुल इस्लाम को विधि की एक छात्रा जीशा का बलात्कार कर उसकी हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाए गयी जबकि उससे पहले वह कुत्तों और बकरियों का बलात्कार कर उन्हें मार चुका था। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर किए गए एक अध्ययन में 60% महिलाओं ने माना कि उनके अत्याचारी पार्टनरों ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया।

PETA इंडिया इस सिद्धान्त के तहत कार्य करता है कि, “जानवर किसी तरह का दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”। हम देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहा है। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार जानवरों पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता  खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश करी है।

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