PETA इंडिया की अपील के बाद केंद्र सरकार ने यूक्रेन से अपने साथी जानवरों के साथ स्वदेश वापिस के नियमों में ढील दी

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1 March 2022

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Monica Chopra; [email protected]

नयी दिल्ली : पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने मतस्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री पुरषोत्तम रूपाला जी से अपील करने के बाद पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने एक ज्ञापन जारी कर “युद्धग्रस्त यूक्रेन में अद्वितीय एवं असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए, भारत में साथी जानवरों की वापसी हेतु आवश्यक औपचारिकताएं  पूरी नहीं हो सकती हैं इसलिए भारत सरकार इन भारतीयों के साथ उनके साथी जानवरों, कुत्तों एवं बिल्लियों को वापिस लाने हेतु सीमित समय के लिए नियमों में निमन्वत छूट प्रदान कर रही है”। PETA इंडिया ने भारतीय छात्र ऋषभ कौशिक जिसने अपने साथी कुत्ते के बिना युद्ध प्रभावित यूक्रेन छोड़ने से इनकार कर दिया था, उसकी सोशल मीडिया पर मदद की अपील के बाद मंत्री जी को पत्र लिखकर नियमों में ढील देने का अनुरोध किया था।

मंत्रालय द्वारा जारी मेमोरेंडम एवं PETA इंडिया की अपील, मांगे जाने पर उपलब्ध कारवाई जाएगी।

मंत्रालय द्वारा जारी मेमोरेंडम में आयात से पूर्व एवं आयात के उपरांत की शर्तों में दी गयी ढील शामिल है और सभी पशु संगरोध एवं प्रमाणन सेवाओं के क्षेत्रीय अधिकारियों को केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग के साथ प्रत्येक आयात का विवरण साझा करने के लिए संबन्धित राज्य पशु चिकित्सा अधिकारियों के साथ समन्वय करने के निर्देश शामिल हैं।

PETA इंडिया के CEO एवं पशु चिकित्सक डॉ. मणिलाल वलियते कहते हैं- “हम निकासी प्रक्रिया में साथी जानवरों को शामिल करने के इस दयालु निर्णय के लिए मोदी सरकार के बहुत आभारी हैं। अपनी जान बचाने के लिए यूक्रेन छोड़ कर निकलने वाले अभिभावकों से उनके साथी जानवरों को अलग करना एक अन्य त्रासदी है जिसके परिणामस्वरूप अनेकों लोग अपने साथी जानवरों के बिना मायूस होते और अनावश्यक जीवन हानी होती। सरकार के इस दयालु निर्णय से भारत हंगरी, पोलेंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, चेक रिपब्लिक और लिथानिया जैसे उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जिन्होने ऋषभ जैसे लोगों को अपने प्यारे साथी जानवरों के साथ युद्ध प्रभावित क्षेत्र से निकलने के लिए अपने नियमों को आसान बनाया है।“

यूक्रेन में, ऐसे लोग हैं जिन्होने अपने साथी जानवरों के बिना वहाँ से बाहर जाने से इंकार कर दिया है और युद्ध जोखिम क्षेत्र से बच निकलने के लिए सुरक्षित निकासी मार्ग की खोज में अपने साथी जानवर के साथ कड़ाके की ठंड में लंबी दूरी तक चल रहे हैं। Lviv में एक कैफे के मालिक ने अपना शहर छोड़ने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसे डर था कि उसकी अनुपस्थिति में, उसकी देखरेख में रहने वाली बिल्लियाँ भूखी रहकर मर जाएँगी।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”, जिन लोगों के पास पर्याप्त संसाधन, समय, प्रेम एवं धैर्य है उन लोगों से अनुरोध करता है कि वे सड़कों पर या आश्रय गृहों में जिंदगी बिता रहे किसी कुत्ते को गोद लेकर अपने घर का सदस्य बनाए। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ और हमें Twitter, Facebook तथा Instagram पर फॉलो करें।

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