‘पोन्नियिन सेलवन’ फिल्म की शूटिंग के दौरान घोड़े की मौत; PETA इंडिया की शिकायत के बाद एनिमल वेलफेयर द्वारा जांच के आदेश

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02 September 2021

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तेलंगाना पुलिस ने मद्रास टॉकीज के प्रबंधन और घोड़े के मालिक के खिलाफ FIR दर्ज की

चेन्नई – PETA इंडिया को जानकारी मिली थी कि ‘पोन्नियिन सेलवन’ फिल्म की शूटिंग के दौरान घोड़ों की सीधी टक्कर का दृश्य फिल्माते हुए एक घोड़े की मौत हो गई जिसके बाद, PETA इंडिया की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए “भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड” (AWBI) ने हैदराबाद के जिला कलेक्टर और तेलंगाना राज्य पशु कल्याण बोर्ड को इस जानवर की मौत की जांच करने के आदेश दिए। AWBI “पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960”, के तहत अधिकृत प्राधिकरण है, जो फिल्मों में जानवरों के उपयोग को अधिकृत करता है। AWBI ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि दोषियों को “अनुकरणीय सजा” मिले ताकि भविष्य में इस तरह के अपराध न हों।

अब्दुल्लापुरमेट पुलिस ने “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 और भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 429 के तहत मद्रास टॉकीज के प्रबंधन और घोड़े के मालिक के खिलाफ FIR दर्ज की है। कथित तौर पर, घोड़े के मालिक ने निर्माताओं को थके और प्यासे घोड़े का उपयोग करने की अनुमति दी थी।

PETA इंडिया की चीफ एडवोकेसी ऑफिसर खुशबू गुप्ता के अनुसार, “कंप्यूटर जनरेटेड इमेजरी (CGI) जैसा आधुनिक विकल्प प्रस्तुत होते हुए भी फिल्म निर्मातायों द्वारा थके हुए घोड़ों को फिल्म में लड़ाई वाले दृश्य फिल्माने के लिए मजबूर करना जिसके चलते उनकी मौत हो गयी यह सरासर गलत है। कोई भी दयालु और प्रगतिशील सोच रखने वाला फिल्म निर्माता संवेदनशील जानवरों को इस तरह के भीड़भाड़ के महोल में लाकर उनसे जबरन अभिनय कराने जैसा क्रूर कार्य कभी नहीं करेगा। PETA इंडिया फिल्म निर्देशक श्री मणि रत्नम् से अनुरोध करता है कि वह इस प्रकार की क्रूरता का अंत करें और आधुनिक एवं मानवीय CGI विजुवल-इफेक्ट्स टेक्नोलॉजी का प्रयोग करें।“

PETA इंडिया फिल्म, विज्ञापन, टेलीविजन और डिजिटल निर्माताओं से फिल्मांकन हेतु जिंदा जानवरों के प्रयोग के बजाय कंप्यूटर जनरेटेड इमेजरी, विजुअल इफेक्ट्स और एनिमेशन तकनीक का प्रयोग करने का अनुरोध करता है। मनोरंजन उद्योग में उपयोग किए जाने वाले जानवरों को आमतौर पर उनकी मां से अलग कर दिया जाता है, प्रशिक्षण के दौरान मारा-पीटा जाता है, भूखा-प्यासा रखा जाता है, मुश्किल और ख़तरनाक करतब करने के लिए मजबूर किया जाता है, जब इनका प्रयोग नहीं होता तो इन्हें जंजीरों में कैद रखा जाता है और फिल्म एवं टेलीविजन स्टूडियो की भीड़भाड़ के चलते होने वाले मानसिक तनाव को सहन करने के लिए बाध्य किया जाता है।

PETA इंडिया ने घोड़े की मौत की इस घटना का वीडियो या फ़ोटो साक्ष्य प्रस्तुत करने वाले किसी भी व्यक्ति को 25,000 रुपये के इनाम की घोषणा की है जिससे दोषियों की गिरफ्तारी में मदद मिल सके। इस प्रकार के साक्ष्य को PETA इंडिया के साथ [email protected] पर साझा किया जा सकता है।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारे मनोरंजन हेतु इस्तेमाल होने के लिए नहीं है” प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी विचारधार है जिसमें इंसान स्वयं को इस दुनिया में सर्वोपरि मानकर अपने फायदे के लिए अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट  PETAIndia.com पर जाएँ और हमें TwitterFacebook व Instagram पर फॉलो करें।  #