जोकिन फीनिक्स ने PETA अमेरिका के नए वीगन अभियान “चेंज द वर्ल्ड फ्राम यूअर किचन” की शुरुवात की।
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25 August 2020
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जानवरों के लिए दयालु दुनिया बनाना उतना ही आसान है जितना क्रूरता मुक्त भोजन चुनना
मुंबई- PETA अमेरिका के नए वीगन अभियान की शुरुवात करते हुए ‘जोकिन फीनिक्स’ कहते हैं- “इस दुनिया में इतना दर्द है कि उसके सामने हम शक्तिहीन हैं लेकिन जानवरों की पीड़ा का कारण बनना उनमे से एक नहीं“। वह “चेंज द वर्ल्ड फ़्राम यूअर किचन, गो वीगन” (अपनी रसोई से दुनिया में बदलाव की शुरुवात करें, वीगन बने) के नारे के साथ अपने समर्थकों को प्रेरित करते हैं कि जानवरों पर क्रूरता समाप्त करने में अपने हिस्से का योगदान दें।
PETA US द्वारा अमेरिका के मुख्य अंडा फार्म जो वोलमार्ट को अंडों की आपूर्ति करते हैं, पर मुर्गियों के साथ होने वाली क्रूरता पर जांच की गयी थी। एक वीडियो में अपनी रसोई के मेज पर बैठे दिखाई दे रहे जोकिन फीनिक्स PETA US की इस जाँच वीडियो को सांझा करते हुए कहते हैं- “जानबूझकर सच को नजरंदाज करके अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारियों से बचना बहुत आसान है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि आप जानवरों के साथ होने वाली क्रूरता का साथ नहीं देंगे और वीगन बनने के लाभों का फ़ायदा उठाएंगे।“
PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की खुद को सर्वश्रेष्ठ मानने वाली सोच है। PETA इंडिया ने अपनी एक जाँच के वीडियो में खुलासा किया है कि भारत में अंडों के लिए पाली जाने वाली मुर्गियों को पॉल्ट्री फार्म्स पर कागज़ की A4 साइज़ की शीट से भी छोटे पिंजरों में कैद करके रखा जाता है, मुर्गियाँ तनाव के चलते अपनी नुकीली चोंच से एक दूसरे को घायल ना कर दें इसलिए जलते हुए गरम ब्लेड पर उनकी चोंच को घिसकर आगे से छोटा कर दिया जाता है। लगातार अंडे देने के बाद जब उनका शरीर अंडे देने लायक नहीं रहता तो उन्हे माँस हेतु मरने के लिए कत्लखानों में भेज दिया जाता है जहां अन्य साथी मुर्गियों के सामने खुले में ही उनका गला काट कर मार दिया जाता है। PETA इंडिया इस बात का संज्ञान लेता है जो कोई व्यक्ति भी वीगन जीवनशैली अपनाता है वह हर साल लगभग 200 जानवरों को मरने से बचाता है।
अधिक जानकारी के लिओए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com. पर जाएँ।
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