कुरुक्षेत्र: PETA इंडिया की शिकायत के बाद कुत्ते को पीट-पीटकर मारने के आरोप में आठ लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज

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27 May 2024

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Hiraj Laljani; [email protected] 

कुरूक्षेत्र – एक वायरल वीडिओ के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त होने के बाद कि कुछ लोगों द्वारा बॉक्सर की तरह प्रतीत होने वाले एक कुत्ते को लाठियों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने लाडवा पुलिस स्टेशन में इस घटना के खिलाफ़ एक औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई। इस कुत्ते को मारने के उपरांत इसके शव को एक जाल में लपेटकर किसी अज्ञात स्थान पर फेंक दिया गया था।

PETA इंडिया की शिकायत के आधार पर, इस निर्दोष पशु की हत्या में शामिल आठ कथित अपराधियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 428 और 34 एवं पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(a) के अंतर्गत मामला दर्ज़ किया गया है। वर्तमान में, PETA इंडिया इस FIR में IPC, 1860 की धारा 201 और 429 एवं PCA अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(l) को जोड़ने का आह्वान कर रहा है, ताकि संबंधित आरोपियों को इस गहन क्रूरता हेतु सभी प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत सजा दिलाई जा सके। IPC की धारा 429 एक सख्त कानूनी प्रावधान है जिसके अंतर्गत किसी भी पशु को अपंग बनाने या उसकी हत्या करने को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है जिसके लिए पांच साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

PETA इंडिया की इमरजेंसी रिस्पांस कोऑर्डिनटोर सुनयना बसु ने कहा, “जो लोग पशुओं के प्रति क्रूरता करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं इसलिए सभी की सुरक्षा हेतु ज़रूरी हैं कि जनता पशुओं के प्रति क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट दर्ज़ कराए। हम तात्कालिक रूप से FIR दर्ज़ करने हेतु लाडवा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नरेश कुमार की सराहना करते हैं जिससे जनता के बीच यह संदेश जाएगा कि पशुओं के प्रति किसी प्रकार की क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।“

PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल  में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”

PETA इंडिया इस सिद्धान्त के तहत कार्य करता है कि, “पशु किसी तरह का दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”। हम देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।

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