लॉन्च: मशहूर अभिनेत्री दीया मिर्ज़ा इंडिया के स्कूलों में जाने वाली पहली लाइफ-साइज़ एनीमेट्रोनिक हथिनी ‘ऐली’ की आवाज़ बनी

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5 May 2023

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मुंबई – मुंबई के जमनाबाई नरसी इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों को ऐली नामक एक लाइफ-साइज़ एनीमेट्रोनिक हथिनी से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ जिसे मशहूर अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा द्वारा अपनी आवाज़ दी गयी है। यह हथिनी पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया द्वारा चलाए जा रहे बेहद प्रभावशाली बाल दयालुता अभियान का एक हिस्सा है। इस हथिनी द्वारा बिल्कुल किसी असली हाथी की तरह अपनी आंखे झपकाई जाती हैं और अपने कानों को बहुत ही प्यारी तरह से फड़फड़ाया जाता है। ऐली द्वारा देशभर के स्कूली छात्रों को असली हाथियों की कहानी सुनाई जाएंगी, जिन्हें बहुत ही कम उम्र में जबरन अपने माताओं से अलग कर दिया जाता है और उन्हें क्रूर सर्कसों में विभिन्न प्रकार के शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ता है। ऐली की “व्यक्तिगत” कहानी का अंत बेहद सुखद है क्योंकि उसे रेसक्यू करके एक सेंचुरी में भेजा गया जहाँ वह अपना जीवन शांतिपूर्ण ढंग से व्यतीत कर रही है।

दीया मिर्ज़ा और ऐली की फोटोज़ और वीडियो मांगे जाने पर उपलब्ध कारवाई जाएंगी ।

UN सेक्रेटरी-जनरल ऐडवोकट फॉर द सस्टेनेबल डेव्लपमेंट गोल्स और UN एनवायरनमेंट प्रोग्राम गुडविल एंबेसडर के रूप में किए गए अपने बेहतरीन कामों के लिए  लोकप्रिय अभिनेत्री दीया मिर्ज़ा ने कहा, “हाथी बुद्धिमान, सामाजिक और भावनात्मक जानवर होते हैं जिनका प्रकृति से गहरा संबंध हैं और उन्हें जंजीरों में कैद करके मारना-पीटना पूरी तरह से गलत है। मुझे PETA इंडिया के साथ काम करके और ऐली को अपनी आवाज़ देकर बहुत खुशी है जिसके द्वारा हम सभी बच्चों को सिखाएंगे कि हथियों के प्रति दयालुता दिखाने का सही अर्थ उन्हें प्रकृति के बीच आज़ाद रहने देना है।“

उन्होंने आगे कहा, “मेरे लिए एक माँ के रूप में ऐसे दयालु अभियानों का समर्थन करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इनके द्वारा बच्चों और प्रकृति के बीच एक सकारात्मक संबंध बनाने में मदद मिलेगी। मैं ऐली के माध्यम से हमारे बच्चों और इस ग्रह के अनमोल बंधन को और मजबूत करने की उम्मीद करती हूँ।“

दीया मिर्ज़ा वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की एंबेसडर होने के साथ-साथ सैंक्चुअरी नेचर फाउंडेशन की बोर्ड सदस्य हैं और IFAW (इंटरनेशनल फंड फॉर एनिमल वेलफेयर) की ग्लोबल एंबेसडर भी हैं। उन्हें ऐली और हाथी संरक्षण के मुद्दे से गहरा लगाव महसूस होता है।

सर्कस, सवारी, शादियों, समारोहों और मनोरंजन के अन्य रूपों के लिए उपयोग किए जाने वाले बंदी हाथियों को करतब दिखाने के लिए मारा-पीटा जाता है और काम न होने पर ज़ंजीरों में कैद रखा जाता है। यह हाथी कैद की निराशा के कारण अक्सर मनुष्यों पर हमला करते हैं। उन्हें पर्याप्त भोजन, पानी, या पशु चिकित्सकीय देखभाल से वंचित रखा जाता है, और कठोर सतहों पर एक जगह घंटों खड़े रहने के कारण कई दर्दनाक बीमारियों का सामना करना पड़ता है जिसमें गठिया जैसे हड्डी और जोड़ों के रोग शामिल हैं।

PETA इंडिया द्वारा “दयालु नागरिक” नामक एक मुफ्त मानवीय शिक्षा कार्यक्रम चलाया जाता है जिसका प्रमुख उद्देश्य 8 से 12 वर्ष की आयु के स्कूली छात्रों को जानवरों के प्रति संवेदनशील बनाना और उनकी मदद करने हेतु प्रेरित करना है। इसका उपयोग 2 लाख से अधिक स्कूलों द्वारा किया गया है और यह पूरे भारत में लगभग 90 मिलियन बच्चों तक पहुँच गया है।

PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि “जानवर किसी भी तरह से दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी धारणा है जिसके तहत इंसान स्वयं को इस संसार में सर्वोपरि मानकर अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट PETAIndia.com पर जाएँ और हमें TwitterFacebook, तथा Instagram पर फॉलो करें।

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