मथुरा: PETA इंडिया की कार्यवाही के बाद कुत्ते को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारने के लिए दो लोगों को गिरफ्तार किया गया

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01 May 2024

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मथुरा – एक बेहद परेशान करने वाले वायरल वीडियो से यह जानकारी प्राप्त होने के बाद कि गोवर्धन चौक, राधापुरम, मथुरा में दो व्यक्तियों द्वारा एक सामुदायिक कुत्ते को लाठियों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने मथुरा के पुलिस अधीक्षक के सहयोग से संबंधित आरोपियों के खिलाफ़ तुरंत एक FIR दर्ज़ कराई। सबसे पहले इस FIR को पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम की धारा 11 के अंतर्गत दो अज्ञात अपराधियों के खिलाफ दर्ज़ किया गया था। इसके बाद पुलिस द्वारा इन दोनों अपराधियों की पहचान की गयी और इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अब PETA इंडिया द्वारा FIR में भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 429 को जोड़ने का भी अनुरोध किया गया है जिससे इस घिनौने अपराध के दोनों दोषियों के खिलाफ़ सभी प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। IPC की धारा 429 एक सख्त कानूनी प्रावधान है जिसके अंतर्गत किसी भी पशु को अपाहिज बनाना या मारना संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है जिसके लिए पांच साल तक की जेल सज़ा या जुर्माने या दोनों का प्रावधान है।

PETA इंडिया की इमरजेंसी रिस्पांस कोऑर्डिनटोर सुनयना बसु ने कहा, “जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं इसलिए सभी की सुरक्षा हेतु ज़रूरी हैं कि जनता जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट दर्ज़ कराए। अपनी गंभीर चोटों के कारण मरने से पहले इस निर्दोष कुत्ते ने जिस स्तर के भय और पीड़ा को सहन किया होगा उसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हम आरोपियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने में मथुरा पुलिस के अथक प्रयासों की सराहना करते हैं, जिससे जनता के बीच यह संदेश जाएगा कि पशुओं के प्रति क्रूरता बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। हम मथुरा पुलिस से FIR में IPC की धारा 429 को जोड़ने का भी आग्रह करते हैं जिससे इस मामले को और मज़बूत बनाकर अपराधियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाई जा सके।“

PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि जानवरों के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल  में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”

PETA इंडिया इस सिद्धान्त के तहत कार्य करता है कि, “जानवर किसी तरह का दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”। हम देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार जानवरों पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है, जबकि ऐसे अपराधियों के लिए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।

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