‘श्रीमति यूनिवर्स फेमस’ – मीनाक्षी माथुर ने PETA इंडिया के साथ मिलकर कुत्तों को उनके क्षेत्र से बेदखल करने के मामले में आवाज उठाई

तत्काल प्रकाशन हेतु:

24 August 2020

संपर्क:

Swapnil Tiwari; [email protected]

Hiraj Laljani ; [email protected] 

लाचार सामुदायिक कुत्तों को एक जगह से दूसरी जगह हस्तांतरित करने वाले अपराधियों के खिलाफ अधिकारियों ने गैर संज्ञेय अपराध रिपोर्ट दर्ज की है।

ग्वालियर – पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया तथा पूर्व ‘श्रीमति  यूनिवर्स फेमस’ रह चुकी श्रीमति मीनाक्षी माथुर के प्रयासों के चलते ग्वालियर पुलिस ने माधव नगर के एक स्थानीय नागरिक के खिलाफ ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960’ के तहत गैर संज्ञेय रिपोर्ट दर्ज की है। अभियुक्त ने दिनांक 1 अगस्त को नसबंदी किए गए दो सामुदायिक कुत्तों को गैरकानूनी तरीकों से पकड़कर उन्हें किसी अन्य क्षेत्र में छोड़ दिया था। बाद में उन दोनों में से एक कुत्ता अपने क्षेत्र में वापिस आ गया लेकिन दूसरे कुत्ते की स्थिति और स्थान के बारे में कुछ अता पता नहीं।

समुदायिक कुत्तों की मदद करने वाली श्रीमति मीनाक्षी की स्थानीय कुत्तों के संग काम करते हुए की तस्वीरें यहाँ देखी व डाऊनलोड की जा सकती हैं।

मीनाक्षी कहती हैं- “कुत्तों का स्वभाव होता है की वो अपने क्षेत्र में ही रहना पसंद करते हैं इसलिए उन्हें उनके इलाके से बेदखल करके अन्य कुत्तों के इलाके में छोड़ देना व यह उम्मीद करना कि वो वहाँ सुरक्षित रहेंगे यह उनके साथ क्रूरता करने समान है। मैं और मेरे PETA इंडिया के साथी यह उम्मीद करते हैं कि हमारा यह प्रयास लोगों को संदेश देगा कि वो सड़कों पर अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष करने वाले इन बेघर जानवरों के प्रति दयालु रहें“

PETA इंडिया के एमरजेंसी रेस्पोंस असिस्टेंट स्वपनिल तिवारी कहते हैं- “अपने क्षेत्र से खदेड़ कर दूसरे अंजान क्षेत्र में भेज दिये जाने वाले कुत्तों के लिए आवाज उठाने पर हम श्रीमति मीनाक्षी जी का धन्यवाद अदा करते हैं। PETA इंडिया ग्वालियर के लोगों से अनुरोध करता है कि वो सामुदायिक जानवरों के प्रति दयालु रवैया अपनाएं व स्थानीय गैर सरकारी संस्था तथा नगरपालिका की मदद से उनकी नसबंदी करवाएं व टीकाकरण के उपरांत उन्हें वापिस उनके क्षेत्र में छोड़ दें।“

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर किसी भी तरीके से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं” इस बात का संज्ञान लेता है कि सामुदायिक कुत्ते या तो हमेशा से ही इंसान की क्रूरता का शिकार होते हैं या फिर कार दुर्घटनाओं, भूख-प्यास, बीमारियों एवं चोटों से संघर्ष करते हैं। गोद लिए जाने वाले घरों के अभाव में हर साल अनेकों बेघर जानवर आश्रय गृहों के पिंजरों में कैदी के रूप अपर्याप्त भोजन पानी के साथ जिंदगी गुजारते हैं। बेघर पशुओं की बढ़ती जनसंख्या से निजात पाने का एक ही आसान उपाय है- नसबंदी। एक मादा कुत्ते की नसबंदी करने से अगले 6 साल में 67,000 बच्चों को जन्म लेने से रोका जा सकता है व एक बिल्ली की नसबंदी करने से अगले सात सालों में 420,000 बच्चों के जन्म लेने पर नियंत्रण लगाया जा सकता है।

आप जब भी किसी जानवर के साथ क्रूरता होते देखें तो PETA इंडिया की हेल्पलाइन नंबर (0) 98201 22602 पर कॉल करके PETA इंडिया को तत्काल इसकी सूचना दें। PETA इंडिया प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की खुद को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानने वाली सोच है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com. पर जाएँ।

#