मुंबई: प्रयोगशाला में पीड़ित विशाल ‘बंदर’ एथीओपियन एयरलाइंस के क्रूर शिपमेंट के खिलाफ़ आवाज़ उठाएगा

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15 October 2024

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Utkarsh Garg; [email protected]

Anushka Yadav; [email protected]

मुंबई – बुधवार को अंधेरी ईस्ट में इथियोपियन एयरलाइंस के कार्यालय के बाहर पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के समर्थकों के साथ एक बड़ा सा घायल और परेशान “बंदर” प्रदर्शन में शामिल होगा। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य ‘इथियोपियाई एयरलाइंस’ से परीक्षण हेतु उपयोग होने वाले लंबी पूंछ के मकाक प्रजाति के बंदरों के परिवहन को रोकने का आग्रह करना है। कथित तौर पर, इस एयरलाइन का अवैध अंतरराष्ट्रीय बंदर-तस्करी गिरोह से संबंध है और इनके द्वारा पैसेंजर एयरप्लेन के कार्गो होल्ड्स में हजारों बंदरों को कैद करके मॉरीशस और दक्षिण पूर्व एशिया परिवाहित किया जाता है। जबकि एयरलाइंस द्वारा PETA एशिया को पहले सूचित किया गया था कि उनकी इस अवैध प्रथा के खिलाफ़ पॉलिसी  है।

 समय:              बुधवार, 16 अक्टूबर, ठीक दोपहर 12 बजे

स्थान:             सहर प्लाजा प्रवेश द्वार के सामने, चकाला मेट्रो के गेट नंबर 3 के बगल में, , JB नगर, अंधेरी ईस्ट, मुंबई

PETA इंडिया के कैम्पेनस कॉर्डिनेटर उत्कर्ष गर्ग ने कहा, “एथीओपियन एयरलाइंस पशु कल्याण या मानव स्वास्थ्य को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए, लुप्तप्राय प्रजाति के बंदरों को उनकी बेरहम मौत की तरफ परिवाहित करता है। PETA इंडिया एयरलाइन से इस खूनी कारोबार को बंद करने का आग्रह करता है और सभी यात्रियों से इस अभियान में हमारा साथ देने का अनुरोध करता है।“

इस साल की शुरुआत में एक अमेरिकी अदालत में पेश की गई गवाही और सबूतों के अनुसार, इथियोपियाई एयरलाइंस ने सैकड़ों बंदरों से भरे कई शिपमेंट का परिवहन किया है, जिन्हें कथित तौर पर उनके प्राकृतिक घर यानी जंगलों से अवैध रूप से चुराया गया था। पिछले साल, अमेरिकी कृषि विभाग ने पशु संरक्षण कानूनों के कई उल्लंघनों के लिए एयरलाइन को दोषी ठहराया था, जिसमें 336 बंदरों को पर्याप्त भोजन-पानी की सुविधा से वंचित रखकर और लकड़ी के छोटे-छोटे बक्सों में ठूंसकर मॉरीशस से लगभग 10,000 मील की दूरी तय करके अमेरिका परिवाहित करना शामिल है। इन बंदरों को अमेरिका के जॉर्जिया स्थित एक हवाईअड्डे पर 29 डिग्री की गर्मी में कम से कम 95 मिनट के लिए छोड़ दिया गया था। US federal citations के अनुसार, एयरलाइन ने अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र के बिना 584 बंदरों को अमेरिका में आयात भी किया था।

एक देश से दूसरे देश ले जाए जाने वाले बंदर अक्सर मानव स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर ख़तरा साबित होते हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने स्वीकार किया है कि पिछले तीन वर्षों में अमेरिका में आयातित बंदरों ने कई गंभीर बीमारियों और रोगजनकों को जन्म दिया है जिसमें टीबी और बायोटेररिज्म एजेंट के रूप में वर्गीकृत एक खतरनाक जीवाणु शामिल है।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “पशु हमारे परीक्षण करने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी धारणा है जिसके तहत इंसान स्वयं को इस संसार में सर्वोपरि मानकर अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट PETAIndia.com पर जाएँ और हमें XFacebook, तथा Instagram पर फॉलो करें।

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