लापता ऑरंगुटन (विदेशी प्रजाति का बंदर) के मालमे में मुंबई पुलिस ने 2 संदिग्धों के खिलाफ FIR दर्ज की
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14 September 2020
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पुलिस ने यह कार्यवाही, पूनम महाजन के सहयोग से PETA इंडिया द्वारा की गयी शिकायत के फलस्वरूप की है
मुंबई- पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया से मिली शिकायत के आधार पर मुंबई स्थित नागपाड़ा पुलिस स्टेशन ने मदनपुरा इलाके के दो संदिग्धों के खिलाफ FIR दर्ज की है, यह दोनों संदिग्धों का नन्हें ऑरंगुटन के अवैध व्यापार से संबंध होने का शक है। FIR में दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 34 व 289 तथा “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960” के सेक्शन 3 व 11(I)(K) की धाराएँ लगाई गयी हैं। इस मामले को पुलिस FIR तक पहुँचवाने में सांसद श्रीमति पूनम महाजन ने PETA इंडिया को बहुत सहयोग दिया है। हालांकि ऑरंगुटन कहाँ है इस बारे में अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है।
इससे पहले PETA इंडिया ने नन्हें ऑरंगुटन के बारे में जानकारी देकर अभियुक्तों को गिरफ्तार करवाने में मदद करने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी जिसके चलते विश्वस्त सूत्रों से PETA इंडिया के हाथ कुछ अहम जानकारियाँ लगी थी जिसके आधार पर शक की बिनाह पर वन विभाग ने दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की थी। उनमें से एक ने अपने फोन से ऑरंगुटन व तोतों की तस्वीरें एवं वीडियो इन्स्टाग्राम पर उपलोड की थी, इन तसवीरों व वीडियो को भी उसके फोन से प्राप्त कर लिया गया था। फोन से प्राप्त डाटा मे एक वीडियो में कुछ लोग इस जानवर के साथ दुर्व्यवहार करते नजर आ रहे थे।
PETA इंडिया की पशु चिकित्सा मैनेजर डॉ. रश्मि गोखले कहती हैं- “इन्सानों के मनोरजन हेतु शोषण का शिकार होने से ज्यादा जरूरी है कि यह स्मार्ट एवं सोशल ऑरंगुटन अपने देश में वापिस जाकर अपनी प्रजाति के दोस्तों के बीच रहे। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि इस मामले में यदि किसी को कुछ भी जानकारी हो तो कृपया तुरंत सामने आए व इस जानवर के बारे में हमे सूचित करे ताकि इसे मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित होने से बचाता जा सके।“
पुलिस की जांच से खुलासा हुआ कि इस ऑरंगुटन को अवैध तरीकों से ट्रेड करके उसके मूल देश से स्वीकृति लिए बिना भारत लाया गया है। इस हेतु “वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES)” के तहत निर्धारित नियमों, विदेश व्यापार के महासचिव से आयात परमिट, पशु संगरोध एवं प्रमाणन सेवा की ओर से जरूरी अनुमति तथा कस्टम विभाग से अनुमति नहीं ली गयी है। PETA इंडिया ने वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पास इस मामले की शिकायत दर्ज कारवाई थी।
PETA इंडिया का उद्देश्य है कि राज्य एवं केंद्र सरकार के सहयोग से ऑरंगुटन के बच्चे का रेसक्यू करके उसे उसके मूल देश इन्डोनेशिया मलेशिया वापिस भिजवाकर किसी सेंक्चुरी में रखवा दिया जाये जहां वो अपनी प्रजाति के अन्य दोस्तों के बीच खुशहाल जिंदगी बिता सके।
ऑरंगुटन एक बंदर प्रजाति है जो ” लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतराष्ट्रीय व्यापार” के परिशिष्ठ 1 के तहत सूचीबद्ध है व इनका व्यापार प्रतिबंधित है।
PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की खुद को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानने वाली सोच है। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाईट PETAIndia.com. पर जाएँ।
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