“मुंबई” को मिला PETA इंडिया का सर्वश्रेष्ठ वीगन-फ़्रेंडली सिटी 2021 का पुरस्कार

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12 November 2021

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मुंबई – विश्व वीगन माह (नवंबर) के उपलक्ष्य में और ऐसे समय पर जब 63% भारतीय मांस को पेड़-पौधों पर आधारित खाद्य विकल्पों से बदलने के इच्छुक हैं साथ ही 75% लोगों को दूध पचाने में परेशानी होती है, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया द्वारा मुंबई को सर्वश्रेष्ठ वीगन-फ़्रेंडली सिटी 2021 के पुरस्कार से नवाज़ा गया है। PETA समूह ने आज मुंबई की मेयर श्रीमती किशोरी किशोर पेडनेकर को वीगन फ्रेंडली सिटी 2021 का प्रमाणपत्र सौंपा, जिसकी फ़ोटो को यहाँ से डाउनलोड किया जा सकता है।

इस शहर में Rare Earth और Greend नाम के बेहतरीन वीगन ग्रोसरी स्टोर के साथ-साथ Imagine Cafe, Earthlings Cafe, Earth Cafe, Yogisattva, Vegan Burger Kitchen, GoodDO, Rare Earth – The Vegan Cafe, और Ubuntu Eat नामक कई वीगन रेस्टोरेन्ट भी हैं जहाँ पिज्जा, बर्गर, आदि सहित बहुत से स्वादिष्ट वीगन विकल्प उपलब्ध हैं। वीगन जीवनशैली जीने वाले मीठाई प्रेमियों के लिए  An Ode to Gaia और The Cinnamon Kitchen  दोनों बेहतरीन विकल्प हैं।  मुंबई में वीगन खाद्य पदार्थों के साथ-साथ वीगन फैशन और सौन्दर्य प्रसाधनों के भी अनेक विकल्प उपलब्ध हैं जैसे Zouk, PAIO, CAI, Baggit, Plum, और I Am Animal, आदि। यहाँ के वीगन समूहों द्वारा Ahimsa Fest और potlucks जैसे बहुत से वीगन उत्सवों का भी आयोजन किया जाता है जो लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध हो रहे हैं।

इसी शहर में भारत की चौथी सबसे बड़ी मांस-मुक्त आबादी भी निवास करती है और यह अपने स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड के लिए खासा प्रसिद्ध है, जैसे वड़ा पाव, मिसल पाव, सेव पुरी, कोथिम्बीर वडी, और रागदा पेटिस जिनके वीगन विकल्प भी व्यापक रूप से उपलब्ध हैं।

PETA इंडिया की वीगन फूड एंड नूट्रिशियन स्पेशलिस्ट डॉ. किरण आहूजा के अनुसार, “मुंबई शहर में मांस-मुक्त बर्गर से लेकर क्रूरता-मुक्त मेकअप तक सब आसानी से उपलब्ध है जिसके चलते लोग पशुओं को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचाये बिना अपने सारे शौक पूरे कर सकते हैं। PETA इंडिया मुंबई शहर को यहाँ उपलब्ध अनगिनत वीगन विकल्पों के लिए वीगन फ्रेंडली सिटी के पुरुस्कार से सम्मानित करता है।

मांस, अंडा और डेयरी उत्पाद बड़े पैमाने पर जानवरों की पीड़ा के लिए जिम्मेदार है। सचेत अवस्था में रहने के दौरान मछलियों का दम कर व काट कर मार दिया जाता है,  अंडों के लिए मुर्गियों को इतने तंग पिंजरों में कैद किया जाता है जिनमें वह ठीक से अपने पंख भी नहीं फैला पाती, “आधुनिक” डेयरी फार्मों पर बछड़ों को जन्म के कुछ समय बाद ही खींचकर उनकी माताओं से दूर कर दिया जाता है जिससे उनके हिस्से के दूध चुराकर मनुष्यों को बेचा जा सके।

वीगन जीवनशैली अपनाने से कैंसरमधुमेहहृदय रोगऔर मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है; पर्यावरण संरक्षण एवं ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में अपना योगदान दिया जा सकता है और भविष्य में महामारी के खतरे को भी कम किया जा सकता है। विभिन्न विशेषज्ञों की राय है कि कोविड-19 की शुरुआत जिंदा पशु मांस मंडियों से हुई और SARS, स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू का कारण भी जानवरों को भोजन हेतु मारना या कैद करना है।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नही हैं” प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकी यह एक ऐसी धारणा है जिसके तहत इंसान इस दुनिया में स्वयं को सर्व शक्ति मानकर दूसरी अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ एवं हमें TwitterFacebook, और Instagram पर फॉलो करें।

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