PETA इंडिया के हस्तक्षेप के बाद, मुजफ्फरनगर पुलिस ने कुत्ते पर हमला करके उसकी हड्डियाँ तोड़ने वाले अपराधियों के खिलाफ़ FIR दर्ज़ करी

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30 October 2024

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मुजफ्फरनगर- हाल ही में, तीन लोगों द्वारा एक कुत्ते को लकड़ी की मोटी-मोटी दंडियों से पीट-पीटकर इस पीड़ित पशु की कई हड्डियाँ तोड़ने का भयानक मामला सामने आने के बाद, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के सहयोग से स्थानीय कार्यकर्ता और LIC एनिमल्स वेलफेयर खतौली के संस्थापक पुनित अरोड़ा ने मुजफ्फरनगर पुलिस के पास FIR दर्ज़ कराई। मामले में दोषी पाए गए तीन अपराधियों में से एक की पहचान कर ली गयी है जबकि दो दोषी अभी अज्ञात हैं। यह FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 और 352 और पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत दर्ज़ करी गयी है। इस कुत्ते का इलाज़ जारी है और अभी यह कुछ स्थानीय लोगों की देखरेख में है।

PETA इंडिया की क्रुएल्टी रिस्पांस कोर्डिनेटर सलोनी सकरिया ने कहा, “जो लोग पशुओं के प्रति क्रूरता करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं इसलिए सभी की सुरक्षा हेतु ज़रूरी हैं कि जनता पशुओं के प्रति क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट दर्ज़ कराए। हम मुजफ्फरनगर पुलिस का आभार प्रकट करते हैं जिनकी कार्रवाही से जनता के बीच यह संदेश जाएगा कि पशुओं के प्रति किसी प्रकार की क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।“

PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल  में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”

PETA इंडिया इस सिद्धान्त के तहत कार्य करता है कि, “पशु किसी तरह का दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”। हम देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे हैं। यह कानून और इसके दंड प्रावधान बहुत पुराने और अप्रासंगिक है, जैसे इसके अंतर्गत पहली बार पशुओं पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है (जबकि ऐसे अपराधियों के लिए BNS, 2023 के अंतर्गत सख्त प्रावधानों का निर्धारण किया गया है)। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश की है।

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